झारखंड के हजारीबाग में स्वच्छ भारत मिशन में 50 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला
हजारीबाग जिले में बड़े पैमाने पर स्वच्छ भारत मिशन में घोटाला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि कार्रवाई की जगह आरोपित अभियंता को मिला प्रमोशन ...और पढ़ें

विकास कुमार, हजारीबाग : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की राशि को अपनी कमाई का जरिया बनाने वाले तत्कालीन कार्यपालक अभियंता पंडित मारकंडे कुमार राकेश के पूरे कार्यकाल की जांच करने की सिफारिश चार सदस्यीय जांच दल ने की है। जांच दल ने अपने निष्कर्ष में लिखा है कि एक दिन के सैंपल जांच में इतनी अनियमितता पाई गई है तो विगत वर्षों के कार्य में वित्तीय अनियमितता से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
एक दिन की जांच में 10 करोड़ से अधिक की अनियमितता
ऐसे में इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है। मालूम हो कि जुलाई 2021 में एक दिन की जांच में 10 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितता सामने आई थी। इसमें भी सिर्फ पांच से छह माह के कागजात ही खंगाले गए थे। ऐसे में अगर तत्कालीन कार्यपालक अभियंता के वर्ष 2018 से शुरू हुए कार्यकाल की जांच होती है तो 50 करोड़ के अधिक के घोटाले से इन्कार नहीं किया जा सकता।
रिपोर्ट में 14 मुख्य बातों का जिक्र, सिर्फ कार्यपालक अभियंता पर सवाल
चार सदस्यीय दल ने जांच के बाद निष्कर्ष के रूप में 14 मुख्य बातों का उल्लेख किया है। इसमें तत्कालीन कार्यपालक अभियंता की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। बताया गया है कि कार्यपालक अभियंता ने पूरे कार्यकाल के दौरान बगैर किसी वरीय पदाधिकारियों के आदेश के कार्य आवंटन के बाद भुगतान करने का काम किया है।
कार्यपालक अभियंता ने कार्यालय को किया दिग्भ्रमित
यहां तक कि कार्यपालक अभियंता द्वारा लगातार कार्यालय को दिग्भ्रमित किया गया है। प्रमंडल स्तर पर जिला समन्वयक मनीष कुमार को पूरी तरह अलग रखते हुए लेखपाल उमेश कुमार व कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश कुमार की मिली भगत से घालमेल किया। मालूम हो कि इसी मामले में निदेशालय में लेखपाल उमेश कुमार व कंप्यूटर आपरेटर राजेश कुमार पर कार्रवाई करते हुए एफआइआर तक का निर्देश दिया था। हालांकि, तत्कालीन अभियंता वर्तमान में प्रमोशन प्राप्त करने के बाद दूसरे जिले में अधीक्षण अभियंता हैं।

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