'जो भ्रष्टाचार करे उसे छूट, जो उजागर करे उस पर मुकदमा', सरयू राय का हेमंत सरकार पर हमला
सरयू राय ने झारखंड सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है, जबकि भ्रष्टाचार उजागर करने वालों पर मुकदमे किए जा रहे हैं। उन्होंने सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग की।
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राज्य ब्यूरो, रांची। जमशेदपुर पश्चिमी के जदयू विधायक सरयू राय ने कहा है कि झारखंड उच्च न्यायालय में दायर उनके मुकदमा की सुनवाई के दौरान दो दिन पहले न्यायालय द्वारा दिये गए निर्णय को कुछ लोग बढ़ाचढ़ा कर बता रहे हैं।
राय ने कहा कि जो भ्रष्टाचार करे उसे छूट और जो भ्रष्टाचार उजागर करे उस पर मुकदमा। इससे हतोत्साहित हुए बिना भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका अभियान पूर्ववत जारी रहेगा।
रविवार को जारी एक एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में वह इसलिए गये थे, क्योंकि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता उन्हें गिरफ्तार कराने के लिए सरकार की पूरी शक्ति लगाए हुए थे।
तब उच्च न्यायालय ने उनके विरुद्ध पीड़क कारवाई नहीं करने का फैसला दिया था। उसके कुछ दिनों बाद सरयू राय को न्यायालय से इस मामले में जमानत मिल गई और गिरफ्तारी से संरक्षण मिल गया।
ऐसी स्थिति में उच्च न्यायालय के पूर्व के फैसले की बहुत प्रासंगिकता नहीं रह गई और न्यायालय ने यह निर्णय वापस कर लिया। सरयू राय ने कहा कि मामला यह है कि झारखंड सरकार के मंत्रिपरिषद ने कोविड में जान जोखिम में डालकर काम करने वाले कोविड कर्मियों को उनके एक माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया था।
स्वास्थ्य मंत्री के रूप में बन्ना गुप्ता ने प्रोत्साहन राशि स्वयं लेने का बिल बनाकर कोषागार में भेज दिया। अपने आप्त सचिव सहित अपने कोषांग में कार्यरत कर्मियों के अतिरिक्त अन्य 55 लोगों और कुल मिलाकर 60 लोगों के नाम प्रोत्साहन राशि लेने के लिए भेज दिया जो उनके भ्रष्ट आचरण का द्योतक था।
राय ने कहा कि भ्रष्टाचार उजागर हुआ तो उन्होंने विभाग से उन पर एफआईआर करा दिया कि उन्होंने उनके विभाग से कागज चोरी कर लिया है। बन्ना गुप्ता के दबाव पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन पर पर दायर यही मुकदमा चल रहा है।

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