Jharkhand: तीन दिनों तक लोहरदगा में रहेंगे RSS प्रमुख मोहन भागवत, स्वयंसेवकों को मिलेगा मार्गदर्शन
Jharkhand संघ प्रमुख 16 से 18 मई तक रहेंगे। प्रशिक्षण वर्ग में प्रथम वर्ष के लिए जहां 388 स्वयंसेवकों के भाग लेने की संभावना है वहीं द्वितीय विशेष वर्ग में 100 से अधिक स्वयंसेवक शामिल होंगे। 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का 2 जून को समापन हो जाएगा।

संजय कुमार, रांचीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रथम व द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण वर्ग देश में कई जगहों पर हो रहा है। झारखंड प्रांत के स्वयंसेवकों के लिए प्रथम वर्ष और झारखंड तथा बिहार के स्वयंसेवकों के लिए द्वितीय वर्ष का विशेष प्रशिक्षण वर्ग 13 मई से लोहरदगा में प्रारंभ होने वाला है।
संघ की रीति-नीति जानेंगे
इस वर्ग में द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले स्वयंसेवकों को आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का मार्गदर्शन व सान्निध्य मिलेगा। तीन दिनों तक सभी प्रशिक्षणार्थी सरसंघचालक से संघ की रीति-नीति के बारे में जानेंगे।
16 से 18 मई तक रहेंगे संघ प्रमुख
संघ प्रमुख 16 से 18 मई तक वर्ग में रहेंगे। प्रशिक्षण वर्ग में प्रथम वर्ष के लिए जहां 388 स्वयंसेवकों के भाग लेने की संभावना है, वहीं द्वितीय विशेष वर्ग में 100 से अधिक स्वयंसेवक शामिल होंगे। घोष वर्ग में लगभग 80 स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे। 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का दो जून को समापन हो जाएगा।
प्रतिवर्ष लगता है प्रशिक्षण वर्ग
आरएसएस अपने स्वयंसेवकों को संघ की रीति-नीति से अवगत कराने, शाखा लगाने की पूरी पद्धति बताने, शारीरिक एवं बौद्धिक विकास करने और कार्यकर्ता निर्माण के लिए प्रतिवर्ष सभी प्रांतों से लेकर क्षेत्र तक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष का प्रशिक्षण वर्ग लगाता है। वहीं तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण वर्ग केवल संघ मुख्यालय नागपुर में लगता है, जिसमें देश के सभी प्रांतों से स्वयंसेवक भाग लेते हैं।
प्रथम वर्ष में किसी भी प्रांत व द्वितीय वर्ष में क्षेत्र यानी दो या तीन प्रांतों के स्वयंसेवक भाग लेते हैं। इन प्रशिक्षण वर्गों में प्रतिवर्ष 24 से 25 हजार के लगभग स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। द्वितीय वर्ष के स्वयंसेवकों को सरसंघचालक और सरकार्यवाह का मार्गदर्शन मिलता है। द्वितीय वर्ष के किसी प्रशिक्षण वर्ग में सरसंघचालक जाते हैं तो किसी वर्ग में सरकार्यवाह।
इसके साथ ही कई केंद्रीय अधिकारियों का मार्गदर्शन मिलता है। प्रथम वर्ष में जहां 14 से लेकर 40 वर्ष तक के स्वयंसेवक भाग लेते हैं वहीं द्वितीय वर्ष में 16 से लेकर 40 वर्ष तक के स्वयंसेवक शामिल होते हैं। इसके साथ ही 40 से ऊपर और 65 वर्ष तक के स्वयंसेवकों के लिए किसी-किसी वर्ष विशेष वर्ग लगाया जाता है, जो तीनों यानी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लिए होता है।
इस वर्ष झारखंड-बिहार के स्वयंसेवकों के लिए लोहरदगा में द्वितीय वर्ष का विशेष वर्ग लगेगा। वहीं झारखंड एवं बिहार के स्वयंसेवकों के लिए द्वितीय वर्ष का सामान्य वर्ग 20 मई से बिहार के राजगीर में लगेगा।
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