Saria Ka Rate 2025: झारखंड समेत देशभर में सरिया की कीमतों में बढ़ोतरी के आसार, घर बनाना होगा महंगा
झारखंड समेत पूरे देश में सरिया की कीमतें बढ़ने की आशंका है। नए लीजधारकों को लौह अयस्क महंगा मिलने और राज्य सरकार द्वारा सेस की दरें बढ़ाने से कीमतों पर असर पड़ेगा। आयरन ओर की मौजूदा कीमत 8 से 8.5 हजार रुपये प्रति टन है जिससे बने उत्पादों की लागत बढ़ रही है। आने वाले महीनों में इसका असर बाजार में दिखने लगेगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के साथ-साथ पूरे देश में सरिया की कीमतों में बढ़ोतरी के आसार हैं। इसका अहम कारण है नए लीज धारकों को अधिक कीमत पर लौह अयस्क एवं अन्य सामग्रियों का मिलना। आयरन ओर की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बाजार में दरों की बढ़ोतरी हो रही है।
इधर, झारखंड में राज्य सरकार ने भी सेस की दरों में संशोधन किया है जिसका असर लौह उत्पादों पर पड़ना तय है। सेस की दर सौ रुपये प्रति टन से बढ़कर 400 रुपये प्रति टन हो गया है। वर्तमान में झारखंड में लौह अयस्क की कीमत उनकी गुणवत्ता के आधार पर तय होती है।
इसके बावजूद आयरन ओर की कीमत 8 से 8.5 हजार रुपये प्रति टन के करीब है। इसी से स्पंज आयरन का निर्माण होता है जिसकी कीमत 25-27 रुपये प्रति किलो के आसपास है। इससे बिलेट भी बनता है जिसकी कीमत 38-40 रुपये प्रति किलो होता है।
यही दो उत्पाद हैं जिससे लोहे के सभी प्रकार के उत्पाद तैयार होते हैं। छड़ और विभिन्न प्रकार के उत्पाद इसी से तैयार होते हैं। इस क्रम में कोयला, बिजली आदि भी खर्च होती है जिसका कीमतों पर सीधा असर होता है।
क्यों बढ़ सकते हैं दाम?
झारखंड में लोहे की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे का एक बड़ा कारण लीज पर लिए गए खदान की दरों में बढ़ोतरी है। नए लीज धारकों को अयस्क ही महंगा पड़ रहा है। पुराने लीज धारकों को कम कीमत पर लोहा मिला है, जिस कारण से पुराने लीज धारक अभी भी सस्ता लोहा उपलब्ध करा रहे हैं।
झारखंड में नए खिलाड़ी के तौर पर पहुंचे आर्सेलर मित्तल और जिंदल को महंगी दरों पर खदानों का लीज मिला है। अगले कुछ महीनो में बाजार में इसका असर दिखने लगेगा। हालांकि इसी सोमवार से सरिया की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिला है। मांग अधिक नहीं होने के कारण इसका व्यापक असर अभी नहीं दिख रहा है।
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