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    सारंडा में बनेगा झारखंड का 10वां वन अभयारण्य, बनाने में मदद करेगी केंद्र सरकार

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 08:10 PM (IST)

    झारखंड सरकार सारंडा में राज्य का दसवां वन्यजीव अभयारण्य स्थापित करने की योजना बना रही है। इस परियोजना में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का सहयोग भी मिलेगा। सरकार ने सारंडा में वन क्षेत्र की सीमा निर्धारित की है और 57519.41 हेक्टेयर भूमि पर अभयारण्य बनाने की योजना है। इस वन्यजीव अभयारण्य से वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में सारंडा में दसवां वन अभयारण्य बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। वन्य प्राणियों के संरक्षण और वनस्पतियों के संवर्धन में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का भी सहयोग मिलेगा।

    राज्य सरकार ने सारंडा में लौह अयस्क समेत अन्य खनन गतिविधियों के लिए वनक्षेत्र की सीमा तय कर दी है। 57,519.41 हेक्टेयर वनभूमि में राज्य सरकार ने वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (वन्य अभयारण्य) बनाने की योजना बनाई है।

    बता दें कि पूर्व में राज्य सरकार ने 31,468.25 हेक्टेयर क्षेत्र में ही अभयारण्य बनाने की योजना बनाई थी, इसे अब विस्तारित किया गया है। वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के लिए देहरादून स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट को अधियाचना भेजी गई है।

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    केंद्र सरकार के इस प्रतिष्ठान में सारंडा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के लिए विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। केंद्र सरकार नए बनने वाले सेंचुरी के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराएगी।

    पहले से मौजूद हैं नौ अभयारण्य

    राज्य में पहले से नौ अभयारण्य मौजूद हैं। इनमें दलमा, पलामू टाइगर रिजर्व, हजारीबाग और कोडरमा प्रमुख है। सारंडा में दसवें अभयारण्य बनाने के लिए 13 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि जोड़ी गई है। इस वन क्षेत्र में हाथियों का सदियों से अधिवास रहा है।

    हाल ही में पलामू टाइगर रिजर्व में आए बाघ ने लंबे समय तक सारंडा क्षेत्र में प्रवास किया है। ऐसे में यहां टाइगर रूट रहने की संभावना भी तलाशी जा रही है।