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    Jharkhand News: सारंडा अभयारण्य का मामला सुलझा, सेल को लौह अयस्क की होगी निर्बाध आपूर्ति

    By Dibyanshu Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Sat, 11 Oct 2025 08:21 PM (IST)

    झारखंड में सारंडा अभयारण्य से जुड़े मामले का निपटारा हो गया है। इससे स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) को लौह अयस्क की लगातार आपूर्ति हो सकेगी। इस समाधान से सेल को राहत मिलेगी, क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, और पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखा जाएगा। यह फैसला राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

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     सारंडा वन अभयारण्य क्षेत्र में सेल की जो खदानों से खनन की अनुमति जारी रहेगी।

    राज्य ब्यूरो, रांची। सारंडा वन अभयारण्य के लिए तय की गई नई सीमा से स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड को लौह अयस्क की आपूर्ति में कोई बाधा नहीं होगी।

    पहले से प्रस्तावित अभयारण्य की सीमा में कई लौह अयस्क के माइंस आ रहे थे जहां से सेल को अयस्क की आपूर्ति होती थी। सुप्रीम कोर्ट ने 31468.25 हेक्टेयर क्षेत्र को ही अभयारण्य घोषित करने की राज्य सरकार को अनुमति दी है।

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    स्टील अथारिटी आफ इंडिया (सेल) ने भी सुप्रीम कोर्ट में पहले की सीमा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। सेल ने कोर्ट को बताया था कि कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए इन खदानों से लौह अयस्क लिया जा रहा है।

    अभयारण्य क्षेत्र में आने और दस किमी तक परिवहन नहीं होने से अयस्क की आपूर्ति बंद हो जाएगी। इस तरह से राज्य और केंद्र सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।


    लीज क्षेत्र को अभयारण्य से बाहर रखने की अनुमति

    अभयारण्य क्षेत्र में सेल की जो खदानें हैं वहां से खनन की अनुमति जारी रहेगी। बता दें कि सारंडा वन क्षेत्र में राज्य का दसवां अभयारण्य बन रहा है। दलमा, पलामू, हजारीबाग और कोडरमा में पहले से अभयारण्य बने हुए हैं।

    इन अभयारण्यों में वन जीवों की सुरक्षा के लिए परिवहन के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसमें कोयला खनन करने वाली कंपनियों को इसका उठाव कन्वेयर बेल्ट से करने का निर्देश शामिल है।