सारंडा को वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी को लेकर आदिवासियों ने निकाली जन आक्रोश रैली, CM ने लिया संज्ञान
सारंडा में वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी के प्रस्ताव के विरोध में आदिवासियों ने विशाल जन आक्रोश रैली निकाली। उन्होंने सरकार से प्रस्ताव वापस लेने की मांग की, क्योंकि उन्हें अपनी आजीविका और पारंपरिक जीवनशैली पर खतरा महसूस हो रहा है। मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

सारंडा को वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी को लेकर आदिवासियों ने निकाली जन आक्रोश रैली
डिजिटल डेस्क, रांची। सारंडा को सेंचुरी घोषित करने के विरोध में सामाजिक संगठनों के बैनर तले मंगलवार को जन आक्रोश रैली निकाली गई और कोल्हान -सारंडा क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतरे हैं। इस मामले को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उच्चतम न्यायालय का रुख कर चुके हैं।
राज्य सरकार के अनुसार सारंडा जंगल क्षेत्र में रह रहे लोगों को किसी भी तरह से परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री की मुख्य चिंता सारंडा क्षेत्र में रह रहे लोग हैं।
हम लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लड़ रहे हैं एवं लड़ते रहेंगे। वहां के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए, खनिज संसाधन को कुछ समय तक नजरअंदाज भी कर सकते हैं लेकिन लोगों के अधिकार से कोई समझौता नहीं होगा। हमारी सरकार उस क्षेत्र में रह रहे लोगों के अधिकार की रक्षा करने के शर्त के साथ कोर्ट जा रही है।
कोर्ट का निर्णय मानेंगे तब जब हमारी इन मानवीय निर्णयों पर विचार किया जाएगा और दूसरी तरफ बता दूं कि यह लड़ाई वहां के लोगों के साथ - साथ मेरी भी है, हम हर संभव इसे जीतने का प्रयास करेंगे।
आदिवासी संगठनों ने महामहिम राज्यपाल के नाम सारंडा सेंचुरी मामले में पुनर्विचार करने को लेकर उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन और कहा है कि 25 अक्टूबर को कोल्हान में आर्थिक नाकेबंदी करेंगे।
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