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    Sansad Adarsh Gram Yojana: सांसद आदर्श ग्राम योजना में आदर्श जैसा कुछ भी नहीं... आप भी जानें इसका हाल...

    Sansad Adarsh Gram Yojana झारखंड में सांसद आदर्श ग्राम योजना में फिलहाल कुछ भी आदर्श स्थिति में दिखाई नहीं देता है। सांसदों के स्तर से ग्राम पंचायत के चयन से लेकर योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ ऐसा ही दर्शा रही है।

    By Sanjay KumarEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2022 02:45 PM (IST)
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    Sansad Adarsh Gram Yojana: झारखंड में सांसद आदर्श ग्राम योजना में आदर्श जैसा कुछ भी नहीं।

    रांची, राज्य ब्यूरो। Sansad Adarsh Gram Yojana झारखंड में सांसद आदर्श ग्राम योजना में फिलहाल कुछ भी आदर्श स्थिति में दिखाई नहीं देता है। सांसदों के स्तर से ग्राम पंचायत के चयन से लेकर योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ ऐसा ही दर्शा रही है। हाल ही में ग्रामीण विकास विभाग की हुई समीक्षा में योजना की सुस्त गति पर चिंता जताते हुए जिलों के डीडीसी की योजनाओं को लेकर जवाबदेही तय की गई है।

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    बता दें कि झारखंड में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत राज्य के सांसदों ने अब तक कुल 89 पंचायतों का चयन किया है। इन पंचायतों में 64 विलेज डेवलपमेंट प्लान की स्वीकृति मिली है। वहीं, इन ग्राम पंचायतों में कुल 5230 स्कीमें स्वीकृत की गईं। जिसमें 2697 पूर्ण हुईं हैं और 478 पर काम चल रहा है। लंबित स्कीमों की संख्या 2065 बताई गई है। जाहिर है हर स्तर पर कमियां-खामियां उजागर हो रही हैं।

    इतना ही नहीं सांसद आदर्श ग्राम योजना से जुड़ी योजनाओं के उपयोगिता प्रमाणपत्रों को लेकर भी गंभीरता दिखाई नहीं दे रही है। राज्य के 18 जिलों ने उपयोगिता प्रमाणपत्र अब तक नहीं दिए हैं। मौजूदा स्थिति की समीक्षा के दौरान अब जिलों के डीडीसी को निर्देश दिया गया है कि वे व्यक्तिगत तौर पर सांसदों से संपर्क कर योजनाओं को गति प्रदान करें।

    बता दें कि सांसद आदर्श ग्राम योजना वर्ष 2014 में शुरू हुई थी, योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों का विकास था। 2024 तक प्रत्येक सांसद को आठ गांव गोद लेने हैं और वहां के सामाजिक-आर्थिक एवं भौतिक बुनियादी ढांचे का विकास करना है। योजना का आठवां फेज अभी चल रहा है।