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    Vijayadashami को 100 वर्ष पूरे करने जा रहा संघ, स्वयंसेवक घर-घर जाकर आरएसएस की रीति-नीति से कराएंगे अवगत

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 02:49 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर ने कहा कि सभी समवैचारिक संगठनों में कार्य करने वाले स्वयंसेवकों के अथक प्रयास से गांव-गांव में संघ पहुंच चुका है। शताब्दी वर्ष में पंचपरिवर्तन के माध्यम से सभी लोगों को मिलकर समाज में कार्य करना है। वे शुक्रवार को वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत स्तरीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

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    राणी सती मंदिर परिसर में चल रहा वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत स्तरीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण वर्ग।

    जागरण संवाददाता, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर ने कहा कि आरएसएस अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। विजयादशमी के दिन ही नागपुर में डा. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी।

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    सभी समवैचारिक संगठनों में कार्य करने वाले स्वयंसेवकों के अथक प्रयास से गांव-गांव में संघ पहुंच चुका है। शताब्दी वर्ष में पंचपरिवर्तन के माध्यम से सभी लोगों को मिलकर समाज में कार्य करना है।

    वे शुक्रवार को वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत स्तरीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। तीन दिनों तक चलने वाला यह वर्ग राणी सती मंदिर परिसर में चल रहा है।

    इसमें देश के सभी प्रांतों से कल्याण आश्रम के प्रांत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, महामंत्री और कोषाध्यक्ष भाग ले रहे हैं।

    रामदत्त चक्रधर ने कहा कि पंच परिवर्तन में समाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी एवं नागरिक कर्तव्य को लेकर अगले एक वर्ष के साथ-साथ आगे भी काम करना है।

    इसके लिए समाज के बीच टोली बनाकर सवयंसेवकों को जाना है। घर-घर संपर्क करना है, संघ की रीति-नीति से लोगों को अवगत करना है।

    लोगों को अधिकार के साथ-साथ उनके कर्तव्यों को भी याद कराना है। वे अगले तीन दिनों तक कल्याण आश्रम के पालक के नाते बैठक में उपस्थित रहेंगे।

    भगवान बिरसा के गांव की मिट्टी सभी प्रांतों में भेजी जाएगी

    भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर उनके कार्यों से पूरे देश को अवगत कराने का कार्य वनवासी कल्याण आश्रम करेगा।

    उनके गांव की मिट्टी को पूरे देश में कल्याण आश्रम के पदाधिकारी लेकर जाएंगे। शुक्रवार को मिट्टी से भरे 53 कलश जनजाति परंपरा विधि-विधान के साथ रांची लाया गया।

    पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित कर जनजाति समाज के साथ-साथ आम लोगों को बताया जाएगा कि कैसे उन्होंने समाज के लिए कार्य किया।

    अपनी धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा दी। ईसाई अंग्रेजों से हमेशा लड़ते रहे परंतु अपना धर्म कभी नहीं बदला।

    उद्घाटन सत्र पर भगवान बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा को वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह और आरएसएस के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर ने सम्मानित किया गया।

    वर्ग में कल्याण आश्रम के उपाध्यक्ष द्वय एच के नागु, तेची गुबीन, महामंत्री योगेश बापट, सह महामंत्री विष्णुकांत, रामेश्वर राम उरांव, कोषाध्यक्ष महेश मोदी, झारखंड प्रांत के अध्यक्ष सुदन मुंडा, महामंत्री धनंजय सिंह सहित कुल 250 से अधिक लोग शामिल हैं।