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    आरएसएस के सह सरकार्यवाह वी भग्‍गैया बोले, विकास के वर्तमान मॉडल को बदलने की है जरूरत

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Sun, 05 Jul 2020 10:17 AM (IST)

    RSS News. सह सरकार्यवाह ने हैदराबाद से ऑनलाइन दो पुस्तकों का विमोचन किया। कहा कि विनाशकारी मॉडल को बदलने के लिए स्वदेशी स्वावलंबन अभियान शुरू हुआ है।

    आरएसएस के सह सरकार्यवाह वी भग्‍गैया बोले, विकास के वर्तमान मॉडल को बदलने की है जरूरत

    रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह वी भग्‍गैया ने कहा है कि स्वदेशी कोई नारा या अभियान मात्र नहीं है, बल्कि यह समाज की सुख, समृद्धि, सुरक्षा और शांति सहित समग्र व्यवस्थाओं का आधार है। वर्तमान में विकास के जिस मॉडल का अनुसरण करते हुए प्रकृति का अंधाधुंध दोहन कर मनुष्य के उपयोग के लिए व्यवस्थाएं खड़ी की गई हैं, उससे विश्व में अशांति, अविश्वास, अराजकता और असंतोष बढ़ता जा रहा है।

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    इस वजह से विश्व में इस व्यवस्था से यू टर्न लेने की व्याकुलता बढ़ गई है। विकास के इस विनाशकारी मॉडल को बदलने के लिए स्वदेशी जागरण मंच द्वारा स्वदेशी स्वावलंबन अभियान प्रारंभ किया गया है। संघ से संबद्ध संगठनों के साथ-साथ गायत्री परिवार, जग्गी जी महाराज सहित कई अन्य संगठनों ने भी इस अभियान में सहयोग करना शुरू किया है। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत भी स्वदेशी अपनाने का आह्वान कर चुके हैं।

    वे स्वदेशी जागरण मंच के स्वदेशी स्वावलंबन अभियान के समन्वयक सतीश कुमार द्वारा लिखित पुस्तक 'भारत मार्चिंग टूवार्ड्स स्वदेशी स्वावलंबन' तथा 'स्वदेशी स्वावलंबन की ओर भारत' के ऑनलाइन विमोचन के अवसर पर हैदराबाद से अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। बाद में अन्य भाषाओं में भी इस पुस्तक के प्रकाशन की तैयारी है।

    सह सरकार्यवाह ने कहा कि पिछले 250 वर्षों को छोड़ दें तो भारत सदैव ही संपन्न गांवों का देश रहा है। फिर से कृषि को विकास का आधार बनाना होगा और इसका केंद्र ग्राम हो। भारत को आत्मनिर्भर बनाने में ग्रामीण शिल्प और कृषि आधारित उत्पाद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एकीकृत दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है।

    छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने का चल रहा प्रयास

    वी भग्‍गैया ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास जारी है। इस अभियान में श्रमिकों, किसानों, छोटे उद्यमियों, शिक्षाविदों, टेक्नोक्रेट, उद्योग और व्यापार जगत के नेतृत्वकर्ताओं सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया गया है। विभिन्न संगठनों और संघों के सहयोग से हम लोगों तक पहुंच बना रहे हैं और उन्हेंं स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

    अब तक 10 लाख लोग चीनी सामानों के बहिष्कार का ऑनलाइन ले चुके हैं संकल्प

    स्वदेशी जागरण मंच द्वारा 20 मई 2020 से स्वदेशी स्वावलंबन अभियान शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के पहले चरण में डिजिटल हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया था, जिसमें लोग चीनी सामानों के बहिष्कार का संकल्प ले रहे हैं। अब तक 10 लाख से अधिक लोग इस संबंध में शपथ ले चुके हैं। पांच जुलाई को इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।