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    'समाज परिवर्तन के लिए स्वयंसेवक कर रहे हैं नियमित कार्य', प्रांत प्रचारक बोले- पंच परिवर्तन के लिए करना है काम

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 01:58 AM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर भव्य समारोह के बजाय छोटे-छोटे कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। झारखंड में 2100 से अधिक स्थानों पर शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा ने बताया कि आरएसएस की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना है।

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    संघ शताब्दी समारोह उत्सव मनाया गया। (जागरण)

    संजय कुमार, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष विजयादशमी के दिन पूरे हो जाएंगे। इस अवसर पर संघ ने भव्य समारोह आयोजित करने के बजाय समाज के बीच छोटे-छोटे कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया है।

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    झारखंड में 2100 से अधिक स्थानों पर और पूरे देश में 90 हजार से अधिक स्थानों पर शताब्दी समारोह मनाए जा रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को झारखंड में 500 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

    जमशेदपुर में आयोजित कार्यक्रम में झारखंड के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा ने बताया कि आरएसएस की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने विजयादशमी के दिन नागपुर में की थी। इसका उद्देश्य संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित कर हिंदुत्व के आधार पर भारत राष्ट्र को समर्थ और परमवैभवशाली बनाना है।

    डॉ. हेडगेवार ने दैनिक शाखा पद्धति विकसित की, जिसके माध्यम से संघ के स्वयंसेवक पिछले 100 वर्षों से समाज परिवर्तन के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। देशभर में 32 से अधिक समवैचारिक संगठन हैं, जहां स्वयंसेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

    गोपाल शर्मा ने आगे कहा कि स्वयंसेवकों को पंच परिवर्तन के लिए अगले 20 वर्षों तक कार्य करना है। उन्होंने बताया कि आरएसएस ने विरोध और उपहास का सामना करते हुए समाज के हर वर्ग में स्वीकार्यता प्राप्त की है।

    प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा।

    रविवार को आयोजित कार्यक्रमों में क्षेत्र संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर, प्रांत संघचालक सच्चिदानंद लाल अग्रवाल, प्रांत कार्यवाह संजय कुमार, अजय कुमार, राकेश लाल, हरिनारायण, मंटू कुमार सहित प्रांत और विभाग के सभी पदाधिकारियों ने भाग लिया।

    रांची महानगर में 40 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। विजयादशमी के दिन पूरे प्रांत में समारोह का आयोजन किया गया है, जिससे शताब्दी समारोह को लेकर उत्साह बढ़ा है।

    देश में 83 हजार शाखाएं लग रही हैं 

    प्रांत शारीरिक प्रमुख कुणाल कुमार ने चतरा में कहा कि आज संघ कार्य की दृष्टि से देश के 924 जिलों में से 98.3 प्रतिशत जिलों में संघ का कार्य चल रहा है।

    पूरे देश में 57,710 स्थानों पर 83,129 शाखाएं लग रही हैं। संघ के स्वयंसेवक विजयादशमी उत्सव के बाद घर-घर जाकर संघ के कार्यों की जानकारी देंगे। उनका लक्ष्य शहरों के साथ-साथ लगभग 6.25 लाख गांवों में पहुंचना है। यह अभियान विश्व में शायद पहली बार हो रहा है।

    संघ और समाज में न रहे कोई अंतर

    रांची महानगर में रविवार को 40 से अधिक स्थानों पर संघ शताब्दी समारोह उत्सव मनाया गया। कई स्थानों पर पथसंचलन निकाला गया।

    बिहारी क्लब हिनू में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रांत संपर्क प्रमुख राजीव कमल बिट्टू ने कहा कि संघ का अंतिम लक्ष्य संघ और समाज में कोई अंतर न रहे। संघ की स्थापना से लेकर अभी तक के कार्यों पर प्रकाश डाला।

    उन्होंने कहा कि संघ पर तीन बार प्रतिबंध लगने के बाद भी स्वयंसेवकों ने सत्य, सेवा और राष्ट्र निर्माण की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखा। संघ पर कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो पाया। संघ की यात्रा केवल एक संगठन के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया के रूप में रही।

    उधर, बाल्मिकी नगर में आयोजित कार्यक्रम में विहिप के क्षेत्र मंत्री वीरेंद्र साहू ने कहा कि आज भारत परम वैभव पर पहुंच रहा है। समवैचारिक संगठनों के माध्यम से स्वयंसेवक हर क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।

    सेल सिटी, एचईसी, कोकर, रातू रोड, बूटी मोड़, बरियातू, मोरहाबादी, हिनू, डोरंडा आदि इलाकों में भी पथसंचलन निकाला गया। कई स्थानों पर दो अक्टूबर को पथसंचलन निकाला जाएगा। सभी स्थानों पर संघ के स्वयंसेवकों के साथ-साथ समवैचारिक संगठनों में कार्य करने वाले स्वसंसेवक भी शामिल हुए।