Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरएसएस विजय दिवस को मनाता है प्रहार दिवस

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 16 Dec 2018 07:13 AM (IST)

    1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 16 दिसंबर को मिली विजय को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रहार दिवस मनाता है।

    आरएसएस विजय दिवस को मनाता है प्रहार दिवस

    जागरण संवाददाता, रांची : 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 16 दिसंबर को मिली विजय को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रहार दिवस के रूप में मनाता है। इस दिन पूरे देश में संघ की सभी शाखाओं पर स्वयंसेवक दंड का प्रहार करते हैं। 50 से ऊपर प्रहार करने वाले स्वयंसेवकों को संघ की ओर से प्रोत्साहित किया जाता है। अपनी शाखाओं पर इसकी तैयारी स्वयंसेवक पहले से करते हैं। 88 वर्ष की उम्र में आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक देवनारायण सिंह भी तैयारी करने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर को मैं भी दंड का अधिक से अधिक प्रहार कर उन शहीदों को श्रद्धांजलि दूंगा। जिन्होंने 71 के युद्ध में अपने प्राण न्योछावर किए थे। वर्ष 2011 से मनाया जा रहा है प्रहार दिवस :

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस संबंध में झारखंड के प्रांत शारीरिक प्रमुख कुणाल कुमार ने कहा कि वर्ष-2011 से संघ विजय दिवस को प्रहार दिवस के रूप में मनाते आ रहा है। प्रांत प्रचार प्रमुख प्रवीण कुमार दुबे ने कहा कि 16 दिसंबर को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शत्रु पक्ष के 93000 सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने सशस्त्र आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया था। इस दौरान कई भारतीय सैनिक भी शहीद हुए थे। उन्हीं शहीद सैनिकों के सम्मान में संघ विजय दिवस के रूप में प्रहार कर महायज्ञ का आयोजन करता है।

    1000 तक प्रहार लगाते हैं स्वयंसेवक :

    इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को संगठित, दृढ़ निश्चयी, शक्ति संपन्न एवं पुरुषार्थी बनाना है। संघ के बाल, तरुण, शिशु एवं प्रौढ़ स्वयंसेवक इस महायज्ञ में प्रहार लगाकर अपनी आहूति देते हैं तथा शहीद वीरों की शहादत को प्रणाम करते हैं। दुबे ने कहा कि कई जगहों पर पूरे दिन का कार्यक्रम रखा गया है। कई स्वयंसेवक तो दंड का 1000 से अधिक प्रहार तक लगाते हैं।

    ---