RSS स्थापना के 100 वर्ष पूरे, प्रांत संपर्क प्रमुख बोले- भारत, हिंदू और संघ के खिलाफ सक्रिय हैं वैश्विक शक्तियां
रांची में विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। HEC रांची में बोलते हुए आरएसएस के राजीव कमल बिट्टू ने कहा कि संघ के खिलाफ षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। समाज में स्वयंसेवकों की बातों पर विश्वास किया जाता है।

संजय कुमार, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर गुरुवार विजयादशमी के दिन रांची सहित पूरे झारखंड में सैकड़ों स्थानों पर कार्यक्रम हुए।
अधिकतर स्थानों पर पथ संचलन भी निकाला गया। राजधानी रांची में ही 25 से अधिक स्थानों पर कार्यक्रम हुए।
रांची के एचईसी में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए आरएसएस के प्रांत संपर्क प्रमुख राजीव कमल बिट्टू ने कहा कि डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन जिस संगठन की स्थापना की थी वह आज विश्वव्यापी बन चुका है। संघ के खिलाफ भी षड्यंत्र रचे जा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर चल रहे कार्यक्रम।
स्थिति तो ऐसी हो गई है कि कुछ वैश्विक शक्तियां भारत, हिंदू और आरएसएस के खिलाफ रणनीति बनाते रहते हैं। वैसी ताकतें अपने देश में भी सक्रिय है। वैसी शक्तियों से निपटने के लिए हमें सजग रहना है। इसके लिए पंच परिवर्तन के माध्यम से समाज के बीच हमें काम करने हैं।
उन्होंने कहा कि समाज में यह धारणा बन चुकी है कि स्वयंसेवक जैसा बोलता है वैसा करता है। इसलिए अपने अपने घरों से इसे प्रारंभ करना है। हिंदू समाज कै तोड़ने का जो षड्यंत्र रचा जा रहा है उससे बचते हुए सभी हिंदू एक हैं यह भाव जगाना है।
हम किसी भी जाति वर्ग के हों परंतु सभी भारत मां के संतान हैं। परिवार को तोड़ने की रणनीति जिस तरह बनाई जा रही है, उससे सजग रहना है। पर्यावरण के प्रति दृष्टिकोण ठीक रखना चाहिए।
सरकारी नियमों का पालन करना है और अपनी संस्कृति, भाषा, भूषा आदि को कभी नहीं भूलना है। स्वयं जागृत होकर समाज को जागृत करना है। फिर हम परम वैभव की ओर बढ़ सकेंगे।
पंच परिवर्तन को लेकर अगले 15-20 वर्षों तक करने है कार्य
रांची महानगर के टाटीसिल्वे में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए रांची विभाग प्रचारक मंटू कुमार ने कहा कि संघ की यात्रा चार अवस्थाओं उपेक्षा, विरोध, सहयोग तथा अब सहभाग से गुजरकर शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुकी है।
यह सहभाग अब समाज के व्यापक स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। आगामी 15-20 वर्षों तक संघ पांच प्रमुख विषयों पर विशेष कार्य करेगा।
ये हैं सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, स्व, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्य। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य प्रदीप वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
उधर गिरिडीह के राजधनवार में प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा ने पंच परिवर्तन पर कार्य करने का आह्वान किया। समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी शामिल हुए। उन्होंने पथस़ंचलन में भी भाग लिया।
संघ की यात्रा तप त्याग और समर्पण की है : प्रफुल्ल
प्रफुल्ल अकांत , क्षेत्र संगठन मंत्री वनवासी कल्याण आश्रम ने कडरु में आयोजित समारोह में संघ की 100 वर्षों की यात्रा को विशेष रूप से रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि संघ की यात्रा तप, त्याग और समर्पण की यात्रा है, जिसने समाज को संगठित करने की शक्ति दी है। संघ केवल संगठन नहीं, बल्कि संस्कृति का जीवंत प्रवाह है।
अपने विचारों में उन्होंने पंच परिवर्तन पर विशेष बल दिया – परिवार में संस्कार, समाज में समरसता, शिक्षा में भारतीयता, अर्थव्यवस्था में स्वावलंबन और संस्कृति में संरक्षण।
उनका कहना था कि इन परिवर्तनों के माध्यम से संघ आने वाले 15–20 वर्षों में समाज के साथ एकात्म भाव को और गहरा करेगा।
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