रांची में छत पर लहलहा रही हरी सब्जियां, मिनी फार्म देखने पहुंच रहे लोग
रमना के युवा व्यापारी पंकज कुमार ने पर्यावरण संरक्षण का अनूठा उदाहरण पेश किया है। उन्होंने अपने मकान की छत पर 1300 वर्ग फीट के क्षेत्र में सब्जी और आय ...और पढ़ें

छत पर उगाए गए पौधों को पानी देते पंकज कुमार। (जागरण)
सत्यप्रकाश रवानी, रमना (गढ़वा)। पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता भले बढ़ रही हो, लेकिन रमना के एक युवा व्यापारी पंकज कुमार ने इसे अपने जीवन में उतारकर उदाहरण पेश किया है।
सीमित जमीन के बीच पंकज ने अपने लगभग 1300 स्क्वायर फीट के मकान की छत के आधे हिस्से को सब्जी और आयुर्वेदिक पौधों की खेती के रूप में विकसित कर दिया है। पंकज के इस प्रयास की चर्चा क्षेत्र में हो रही है और लोग उनकी छत पर बने ‘मिनी फार्म’ को देखने पहुंच रहे हैं।
पंकज बताते हैं कि पेड़-पौधों के प्रति लगाव बचपन से रहा है। रमना बाजार क्षेत्र में जगह की कमी के कारण खुले में पौधे लगाने का अवसर नहीं मिलता था। तब उन्होंने अपनी तीन मंजिले मकान की छत को ही खेत का रूप देने का निर्णय लिया।
उन्होंने सीमेंट, प्लास्टिक और थर्मोकोल के गमलों में मिट्टी भरकर टमाटर, धनिया, हरी मिर्च, करेला, लौकी, पपीता, भिंडी जैसी सब्जियों के साथ तुलसी, लेमनग्रास व अश्वगंधा जैसे औषधीय पौधे लगाए हैं।
उगाए गए पौधों के देखभाल के लिए वे प्रतिदिन दो घंटे समय देते हैं। नियमित पानी देना, जैविक खाद डालना पंकज के दैनिक कार्यों में शामिल है।
पंकज का कहना है कि छत पर खेती से घर के लिए शुद्ध सब्जी मिल जाती है और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान होता है। वे बताते हैं कि थर्माकोल के बाक्स, पुराने ड्रम और गमलों की मदद से कोई भी व्यक्ति बहुत कम लागत में अपनी छत या बालकनी में सब्जी उगा सकता है।

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