Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जालसाजी के आरोपित कंपनी कमांडर को बर्खास्तगी से बचाने के एवज में मांगी रिश्वत, चार कर्मी निलंबित

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 28 Nov 2025 07:55 PM (IST)

    एक कंपनी कमांडर पर जालसाजी के आरोप लगे हैं। उसे बचाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। कंपनी ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। कंपनी ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    Hero Image

    आरोपित कंपनी कमांडर को बचाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।

    राज्य ब्यूरो,रांची । जालसाजी के आरोपित बर्खास्त कंपनी कमांडर कैलाश यादव को कार्रवाई से बचाने के एवज में रिश्वत मांगने वाले गृह रक्षा वाहिनी के चारों कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

    निलंबित होने वालों में गृह रक्षा वाहिनी के स्थापना शाखा के प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार, डीआइजी के गोपनीय शाखा के रीडर सूरज प्रकाश सिंह, डीजी के रीडर दीपक पुंज व निरीक्षक संजय सिंह शामिल हैं। गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गृह रक्षा वाहिनी के कंपनी कमांडर कैलाश यादव पर गृह रक्षकों को फर्जी तरीके से, फर्जी कागजात पर नामांकित करने के आरोपों की पुष्टि के बाद गत वर्ष 21 सितंबर 2024 को रांची के धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच में बाद कंपनी कमांडर कैलाश यादव को बर्खास्त कर दिया गया था।

    कंपनी कमांडर कैलाश यादव ने बर्खास्तगी के बाद एसीबी में यह लिखित शिकायत की थी कि 26 नवंबर को आरोपितों ने कार्रवाई से बचाने व मामले को रफा-दफा कराने के एवज में आठ लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसमें तीन लाख रुपये डीआइजी व पांच लाख रुपये डीजी के नाम पर मांगे जाने का आरोप लगाया गया था।

    यह भी शिकायत थी कि रिश्वत नहीं देने पर बड़ी कार्रवाई होगी। इन आरोपों के बाद गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय ने सभी आरोपितों को शो-काज किया और उनका जवाब मांगा। आरोपितों ने शो-काज के जवाब से विभाग को संतुष्ट नहीं किया। इसके बाद विभाग ने चारों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की है।

    निलंबन आदेश में गृह रक्षा वाहिनी ने लिखा है कि आरोपितों का यह कृत्य अनुशासनहीनता, स्वैच्छाचारिता, मनमानेपन, भ्रष्ट आचरण व अयोग्य पदाधिकारी का परिचायक है। गृह रक्षा वाहिनी के डीजी एमएस भाटिया ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित का गठन किया है।

    जांच कमेटी में तीन जिले बोकारो, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम के जिला समादेष्टा को रखा गया है। ये कमेटी जांच करेगी और 15 दिन में गृह रक्षा वाहिनी के डीजी को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद इन निलंबित चारों आरोपितों के विरुद्ध आगे की कार्रवाई होगी।

    किस्तों में आनलाइन भुगतान भी लिया, जांच में हुई पुष्टि

    रिश्वत के आरोपों की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि चारों ही आरोपित कर्मियों ने बर्खास्त कंपनी कमांडर कैलाश यादव से किस्तों में आनलाइन भुगतान भी लिया। इन आरोपितों ने अपने व अपनी पत्नियों के फोन पे पर रिश्वत लिया था।

    आरोपित दीपक पुंज ने अपनी पत्नी के फोन पे पर 18 अक्टूबर को पांच हजार व 17 नवंबर 10 हजार रुपये लिए। आरोपित अनुज कुमार ने 28 सितंबर को अपनी पत्नी के फोन पे पर पांच हजार रुपये मंगाया।

    अनुज कुमार को कंपनी कमांडर ने बिरसा मुंडा फुड प्लाजा के पास 15 हजार रुपये नकद भी दिया। आरोपित संजय सिंह ने 11 नवंबर को आठ हजार रुपये अपने मोबाइल पर फोन पे से लिया। आरोपित सूरज प्रकाश ने भी 11 सितंबर को फोन पे पर दो हजार रुपये लिया था।