रिम्स में अब बेकार नहीं होगा नेत्र कार्निया, निजी अस्पतालों में होगी बिक्री
रिम्स नेत्र संस्थान अब नेत्र प्रत्यारोपण के लिए नई पहल कर रहा है। अधिशेष कार्निया को सरकारी संस्थानों को मुफ्त और निजी को शुल्क पर देगा। रिम्स ने कार्निया की दरें तय की हैं, जिससे निजी अस्पतालों में मरीजों को राहत मिलेगी। रिम्स में नेत्र प्रत्यारोपण मुफ्त है, और कई मरीज इंतजार कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स क्षेत्रीय नेत्र संस्थान अब नेत्र प्रत्यारोपण को लेकर एक नई पहल करने जा रहा है। अक्सर ऐसा होता था कि यहां पर्याप्त संख्या में कार्निया उपलब्ध हो जाते थे, लेकिन सीमित संसाधन और मरीजों की संख्या समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण कई कार्निया खराब हो जाते थे।
कार्निया की आयु अधिकतम सात दिन की होती है। समय बीत जाने पर वह प्रत्यारोपण योग्य नहीं रहता। इसी समस्या को देखते हुए अब रिम्स ने तय किया है कि अधिशेष (सरप्लस) कार्निया को राज्य की सरकारी एवं निजी संस्थाओं को भी उपलब्ध कराया जाएगा।
इसमें निजी संस्थानों को एक निश्चित दर पर कार्निया दिया जाएगा जबकि सरकारी मेडिकल कालेज जहां नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध है वहां इसे निश्शुल्क दिया जाएगा।
क्या है योजना
मानव अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम 2014 के तहत रिम्स को यह अधिकार दिया गया है कि कार्निया के निकासी, परीक्षण, संरक्षण और परिवहन पर होने वाले खर्च को ध्यान में रखते हुए प्रोसेसिंग चार्ज तय किया जा सके। रिम्स प्रबंधन की ओर से इस संदर्भ में अपनी तैयारी की थी, जिसे विभागीय मंजूरी मिल गई। इसके तहत झारखंड की सरकारी संस्थाओं को कार्निया पूरी तरह निश्शुल्क दिया जाएगा। जबकि निजी अस्पतालों और अन्य राज्यों की संस्थाओं से निर्धारित दर पर शुल्क वसूला जाएगा।
रिम्स ने तीन श्रेणियों में कार्निया के दर तय किए हैं
राज्य सरकार की संस्थाओं के लिए सभी श्रेणियों में यह निश्शुल्क रहेगा, जबकि अन्य राज्य की सरकारी संस्थाओं और निजी अस्पतालों को दिए गए दर पर शुल्क देना होगा।
1. दृष्टि सुधार के लिए (आप्टिकल) कार्निया
कार्नीसोल मीडिया : 7500 रुपये
एमके मीडिया : 6500 रुपये
एम्स द्वारा उपलब्ध मीडिया : 6000 रुपये
2. चिकित्सकीय (थेरेप्यूटिक) कार्निया
कार्नीसोल मीडिया : 4000 रुपये
एमके माध्यम : 3000 रुपये
एम्स द्वारा उपलब्ध मीडिया : 2500 रुपये
3. अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के लिए कार्निया
कार्नीसोल माध्यम : 1500 रुपये
एमके माध्यम : 500 रुपये
एम्स द्वारा उपलब्ध मीडिया : निश्शुल्क
निजी अस्पतालों में नेत्र प्रत्यारोपण में 90 हजार तक का चार्ज
रिम्स नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि कार्निया की पर्याप्त उपलब्धता होने के बावजूद समय पर मरीज नहीं मिल पाते। नतीजतन कार्निया का जीवनकाल समाप्त हो जाता है और वह प्रत्यारोपण योग्य नहीं रहता।
साथ ही जितने कार्निया दान से मिलते हैं, उनमें से कई अनहेल्दी होते हैं, जिन्हें प्रत्यारोपित नहीं किया जा सकता। इस वजह से काफी संख्या में कार्निया खराब हो जाते थे। जबकि दूसरी ओर निजी अस्पतालों में कार्निया की कमी होने पर मरीजों से 30 हजार से 90 हजार रुपये तक प्रत्यारोपण के नाम पर वसूले जाते हैं।
कई बार रिम्स द्वारा ऐसे ही निजी अस्पतालों को कार्निया मुफ्त में उपलब्ध कराए गए थे। अब प्रबंधन ने यह तय किया है कि निजी अस्पतालों से न्यूनतम प्रसंस्करण शुल्क वसूला जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि मरीजों को समय पर कार्निया उपलब्ध होगा। निजी अस्पतालों को जरूरत पड़ने पर कार्निया मिल सकेगा। रिम्स में अनुपयोगी हो रहे कार्निया का सही उपयोग हो पाएगा।
रिम्स में पूरी तरह निश्शुल्क प्रत्यारोपण
रिम्स में नेत्र प्रत्यारोपण की पूरी प्रक्रिया निश्शुल्क है, जो भी मरीज रिम्स में प्रत्यारोपण के लिए आता है, उसे किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता। निजी अस्पतालों में मरीजों से राशि ली जाती है, जिसकी तुलना में रिम्स में नेत्र प्रत्यारोपण राहत भरा है। अभी रिम्स में करीब एक दर्जन दृष्टिहीन नेत्र प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे हैं।
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