रिम्स निदेशक और स्वास्थ्य मंत्री में छुट्टी को लेकर तू-तू मैं-मैं, सांसद ने शांत कराया मामला
रांची में रिम्स शासी परिषद की बैठक में निदेशक और स्वास्थ्य मंत्री के बीच छुट्टी को लेकर बहस हुई, जिसे सांसद ने शांत कराया। बैठक में पावरग्रिड आश्रय शुल्क घटाने, नेट मशीन खरीदने, और रिम्स को मॉडल अस्पताल बनाने जैसे फैसले लिए गए। मरीजों के लिए नए वेंटिलेटर और अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई। कर्मचारियों की अनुशासनहीनता पर सख्त रुख अपनाया गया।

रिम्स निदेशक और स्वास्थ्य मंत्री में तनातनी
जागरण संवाददाता, रांची। रिम्स शासी परिषद की बैठक में बुधवार को रिम्स निदेशक और स्वास्थ्य मंत्री के बीच एक बार फिर तनातनी हो गई। एक एजेंडे में उनके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को लेकर निर्णय लिया जाना था।
एजेंडे के अनुसार जब निदेशक से पूछा गया कि वे बिना अनुमति के छुट्टी लेकर कैसे राज्य से बाहर चले गए तो उन्होंने कहा कि दो माह पहले छुट्टी का आवेदन दिया गया था लेकिन उसे रिजेक्ट कर दिया गया, ऐसे में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उनके पास छुट्टी लेकर जाने के अलावे कोई रास्ता नहीं था, अगर ऐसी स्थिति रही तो काम करना मुश्किल है।
संजय सेठ ने मामले को शांत कराया
जिस पर स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि चाहते है तो पद छोड़ दें, जिस पर निदेशक ने कहा कि ऐसे कैसे पद छोड़ दूं, कुछ नियम-संगत होना चाहिए। जिसके बाद सांसद संजय सेठ ने मामले को शांत कर आगे की प्रक्रिया शुरू की।
बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि रिम्स के पावरग्रिड आश्रय में अब रहने के लिए मात्र 20 रुपये देने होंगे। अभी 100 रुपये प्रति दिन के दर से भुगतान करना होता है। साथ ही बैठक में नेट मशीन खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
मॉडल अस्पताल ऑफ झारखंड बनाने की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रिम्स को मॉडल अस्पताल ऑफ झारखंड बनाने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को रिम्स सभागार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित शासी परिषद (जीबी) की 63वीं बैठक में 17 एजेंडों पर लिए गए फैसले। बैठक की शुरुआत रिम्स के मौजूदा हालात और सुविधाओं की समीक्षा से हुई।
रिम्स झारखंड की उम्मीदों का केंद्र
मंत्री डॉ. अंसारी ने कहा कि अब निर्णय कागजों पर नहीं, जमीन पर दिखने चाहिए। रिम्स झारखंड की उम्मीदों का केंद्र है और इसे देश के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में शामिल करना सरकार का संकल्प है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही और मानवीय दृष्टिकोण लाकर रिम्स को जनता की उम्मीदों का अस्पताल बनाया जाएगा। बैठक में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, रांची के सांसद सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, विधायक सुरेश बैठा, अपर मुख्य सचिव एके सिंह, निदेशक डा. राजकुमार, रिनपास निदेशक डा. अमूल रंजन सहित कई वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे।
मरीजों के लिए 100 नए वेंटिलेटर
बैठक में वेंटिलेटर की भारी कमी पर चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल प्रभाव से 100 नए वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब किसी मरीज की जान उपकरणों की कमी के कारण नहीं जाएगी।
साथ ही शासी परिषद की बैठक में एक मानवीय प्रस्ताव पर सहमति जतायी गई। निर्णय हुआ कि रिम्स में यदि किसी मरीज की मृत्यु होती है, तो उसके स्वजनों को अंतिम संस्कार के लिए 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मंत्री ने कहा यह केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है। मालूम हो कि यह निर्णय पिछली जीबी की बैठक में ली गई थी लेकिन इसे अमल नहीं किया जा सका था, अब इसे धरातल पर उतारने को लेकर सहमति प्रदान कर दी गई है।
कर्मचारियों की अनुशासनहीनता पर सख्त रुख
बैठक में डॉक्टरों और कर्मचारियों की अनुपस्थिति, निजी प्रैक्टिस, ओपीडी अनुशासन और सफाई व्यवस्था को लेकर भी समीक्षा की गई। मंत्री ने निदेशक को निर्देश दिया कि जो भी कर्मचारी बिना सूचना अनुपस्थित पाए जाएं या निजी प्रैक्टिस करते हों, उनके विरुद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
डिजिटल रिकॉर्ड और मरीज सहायता केंद्र की तैयारी
बैठक में निर्णय हुआ कि रिम्स में शीघ्र ही डिजिटल चिकित्सा रिकार्ड प्रणाली लागू की जाएगी। इसके साथ ही मरीज सहायता केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिससे मरीजों को एक ही स्थान पर पंजीकरण से लेकर जांच रिपोर्ट और परामर्श तक की सुविधा मिल सकेगी।
शासी परिषद में मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। अब ऐसी नियुक्तियां शासी परिषद की अनुमति से ही की जाएंगी। साथ ही प्रोफेसर, अतिरिक्त प्रोफेसर और सहयोगी प्रोफेसर के पदों पर साक्षात्कार के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया।
रिम्स निदेशक पर पूर्व के एजेंडों पर चर्चा
बैठक में रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार से जुड़े पूर्व के एजेंडों पर भी चर्चा की गई। इनमें निदेशक को दिए गए कारण बताओ नोटिस और उनके जवाब पर निर्णय शामिल था। हालांकि इस पर अंतिम चर्चा अगली बैठक में किए जाने की संभावना है।
बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित हुआ
- रिम्स परिसर की साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए अलग निगरानी टीम बनेगी
- डॉक्टरों की ड्यूटी निगरानी के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली को अनिवार्य किया जाएगा
- रिम्स की सभी रिपोर्टिंग और फाइलिंग प्रणाली को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा
- नए भवनों और चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार पर अगली शासी परिषद बैठक में विस्तृत चर्चा होगी
रिम्स सिर्फ एक अस्पताल नहीं, बल्कि झारखंड की जनता की उम्मीदों का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य है कि यहां इलाज केवल सुविधा नहीं, बल्कि सेवा और संवेदना का अनुभव बने। हर मरीज को सम्मान, हर परिवार को विश्वास और हर जरूरतमंद को सहारा मिलना चाहिए। - डॉ. इरफान अंसारी, स्वास्थ्य मंत्री

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