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    आयुष्मान के तहत इलाज में रिम्स फिसड्डी, रांची सदर अस्पताल देश में दूसरे स्थान पर

    आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के इलाज तथा बीमा कंपनी के क्लेम के भुगतान में राज्य के सदर अस्‍पताल फिसड्डी हैं। छोटे अस्‍पताल इनके मुकाबले बेहतर हैं।

    By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Sat, 06 Jul 2019 08:01 PM (IST)
    आयुष्मान के तहत इलाज में रिम्स फिसड्डी, रांची सदर अस्पताल देश में दूसरे स्थान पर

    रांची, राज्य ब्यूरो। आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के इलाज तथा बीमा कंपनी के क्लेम के भुगतान में राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) फिसड्डी है। राज्य के सदर अस्पतालों की बात करें तो रांची तथा कुछ हद तक जमशेदपुर सदर अस्पताल को छोड़कर सभी जिलों के सदर अस्पताल लगभग फेल साबित हुए हैं। सदर अस्पतालों का परफारमेंस बेहद खराब रहा है। स्थिति यह है कि उसी जिले के अन्य छोटे स्वास्थ्य केंद्र की बेहतर स्थिति है।

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    शुक्रवार को आरसीएच, नामकुम में हुई समीक्षा बैठक में यह बात सामने आने के बाद विभागीय मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी तथा सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। संबंधित सिविल सर्जनों को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी कि वे योजना की स्थिति में अविलंब सुधार लाएं नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें। रिम्स की समीक्षा में मंत्री व सचिव ने हैरानी जताई कि 1400 बेड वाले इस अस्पताल में महज 292 मरीजों का इलाज इस योजना के तहत हुआ।

    वहीं, रातू सीएचसी में 358 मरीजों का इलाज हुआ। सचिव ने इसे रिम्स का फेल्योर बताया। मंत्री ने निदेशक को इसपर ध्यान देने तथा स्थिति में सुधार लाने का सख्त निर्देश दिया। एमजीएम जमशेदपुर तथा पीएमसीएच धनबाद में भी आयुष्मान भारत के तहत इलाज की स्थिति चिंताजनक मानते हुए अविलंब सुधार करने का निर्देश दिया। सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि योजना के संचालन में मेडिकल कॉलेज फेल नजर आ रहे हैं। इसमें अविलंब सुधार लाने का निर्देश देते हुए कहा कि सख्त कार्रवाई के लिए सरकार को बाध्य न करें।

    एक ओर तीनों मेडिकल कॉलेज व अधिसंख्य सदर अस्पताल इस योजना के तहत मरीजों के इलाज में फिसड्डी हैं, वहीं रांची सदर अस्पताल मरीजों के इलाज करने में देश के सभी सरकारी अस्पतालों में दूसरे स्थान पर है। मंत्री व सचिव ने इसके लिए रांची सिविल सर्जन डॉ. वीबी प्रसाद को बधाई दी। सिविल सर्जन ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि किस तरह मरीज के पास राशन कार्ड होने या उसके नहीं होने से वेबसाइट से पड़ताल कर उसे आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराया जाता है।

    बैठक में मंत्री ने बताया कि 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना शुरू होने का एक साल हो रहा है। इसे लेकर सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री और वे स्वयं जिलों का दौरा कर योजना की समीक्षा करेंगे। वहीं, 23 सितंबर को आयुष्मान भारत दिवस मनाया जाएगा।

    किस जिले में क्या स्थिति

    बोकारो सदर अस्पताल, चास एवं तेनुघाट अनुमंडल अस्पताल की स्थिति बेहद खराब। देवघर सदर अस्पताल की स्थिति भी कुछ ऐसी ही सामने आई। सिमडेगा में सदर अस्पताल एवं कुरडेग व जलडेगा सीएचसी की स्थिति बेहद खराब है। पाकुड़ सदर अस्पताल एवं पाकुडिय़ा सीएचसी, साहिबगंज सदर अस्पताल, बरहरबा व तालझारी पीएचसी, चाईबासा के खूंटपानी, टोंटो, मझगांव सीएचसी में मरीजों के इलाज की संख्या बहुत कम है।

    गिरिडीह में एफआइआर का आदेश

    समीक्षा में यह बात सामने आई कि गिरिडीह में आयुष्मान भारत के तहत बड़ी संख्या में निजी अस्पताल गोवद्र्धन अस्पताल में कराया गया। सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने मरीजों को वहां रेफर कर इलाज किया। मंत्री ने इसपर नाराजगी प्रकट करते हुए सिविल सर्जन को एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया।