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    RIMS में अतिक्रमण हटाने की उल्टी गिनती शुरू! हाई कोर्ट के 72 घंटे पूरे होने में सिर्फ दो दिन बाकी पहले दिन नहीं दिखी तेजी

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 02:13 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद रिम्स परिसर से अतिक्रमण हटाने की 72 घंटे की समय सीमा शुरू हो गई है। अदालत ने अतिक्रमणकारियों को स्वयं परिसर खाली करने ...और पढ़ें

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    हाई कोर्ट में 11 दिसंबर को देना होगा कार्रवाई की रिपोर्ट।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के सख्त आदेश के बाद रिम्स (RIMS) परिसर से अतिक्रमण हटाने की 72 घंटे की समय सीमा आज (गुरुवार, 4 दिसंबर) शुरू हो चुकी है। बुधवार को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने अतिक्रमणकारियों को 72 घंटे के भीतर स्वयं परिसर खाली करने का अंतिम मौका दिया था।

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    हालांकि आदेश के पहले दिन परिसर में अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई विशेष तेजी या बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। अतिक्रमण करने वाले को रिम्स ने 72 घंटे तक हटने को कहा है, नोटिस लगाया है। इसके बाद नहीं हटता है तो जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन जबरन हटाएगा।

    अतिक्रमण न हटने पर एसएसपी लेंगे एक्शन

    अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर निर्धारित 72 घंटे की समय सीमा यानी शनिवार (6 दिसंबर) की शाम तक अतिक्रमण नहीं हटता है, तो रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक पर्याप्त पुलिस बल के साथ मौके पर जाएंगे और बलपूर्वक अतिक्रमण को हटाएंगे।

    रिम्स प्रबंधन ने शुरू की मुनादी

    कोर्ट के कड़े रुख के बाद रिम्स प्रबंधन सक्रिय हो गया है। अतिक्रमणकारियों को आगाह करने के लिए रिम्स परिसर में पी.ए. सिस्टम और लाउडस्पीकर के माध्यम से लगातार मुनादी (घोषणा) की जा रही है। साथ ही, संबंधित स्थानों पर नोटिस भी चिपकाए गए हैं। रिम्स प्रबंधन ने वरीय पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर इस कार्रवाई में आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया है।

    झालसा रिपोर्ट ने खोली बदहाली की पोल

    अदालत ने यह निर्देश रिम्स की लचर व्यवस्था पर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में बताया था कि रिम्स गेट से लेकर ट्रामा सेंटर तक अतिक्रमण है, जिसके कारण मरीजों को लाने-ले जाने और आवागमन में गंभीर परेशानी होती है।

    कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए यह भी कहा कि रिम्स प्रशासन और सरकार केवल शपथपत्र दाखिल करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर मरीजों के लिए कोई सुधार नहीं दिखता।

    अगली सुनवाई 11 दिसंबर को 

    मामले में अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी, जब कोर्ट अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर 'एक्शन टेकन रिपोर्ट' तलब कर सकती है।