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    डिजिटलीकरण में रिम्स-सदर फेल! NHA टीम की गहन जांच में खुली पोल, लाइन से मुक्ति के लिए दिया टोकन डिस्प्ले का निर्देश

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 02:43 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की टीम ने रिम्स और सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण में डिजिटलीकरण प्रक्रिया में कमियां पाई गईं, खासकर ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण और रिप्लेसमेंट कूपन सिस्टम में। टीम ने टोकन डिस्प्ले बोर्ड लगाने और रिप्लेसमेंट कूपन सिस्टम में सुधार करने का निर्देश दिया, ताकि मरीजों को सुविधा मिल सके और समय की बचत हो।

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    रिम्स और सदर अस्पताल में एनएचए टीम का निरीक्षण।


    जागरण संवाददाता, रांची। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की टीम ने बुधवार को रिम्स और सदर अस्पताल का विस्तृत निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने दोनों अस्पतालों में चल रही डिजिटलीकरण प्रक्रिया, आनलाइन ओपीडी रजिस्ट्रेशन, मरीजों की संख्या, सुविधाओं की उपलब्धता और रिप्लेसमेंट कूपन व्यवस्था का गहन अवलोकन किया। टीम ने कई स्थानों पर कमियां चिह्नित कर तत्काल सुधार के निर्देश दिए।

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    निरीक्षण के दौरान टीम ने सबसे पहले आनलाइन ओपीडी रजिस्ट्रेशन सिस्टम की समीक्षा की। सदर में टीम ने पाया कि मरीज आनलाइन टोकन लेने के बावजूद पर्ची प्राप्त करने के लिए लंबी लाइन में लगने को मजबूर हैं। टीम ने सुझाव दिया कि काउंटर के बाहर डिजिटल टोकन डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाए, ताकि मरीज टोकन लेकर निर्धारित कुर्सियों पर बैठकर अपनी पारी का इंतजार कर सकें।

    टीम ने बताया कि रिम्स के बारे में बताया कि वहां डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शुरू तो अच्छी हुई है, लेकिन व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि मरीजों की भीड़ को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सके और उन्हें अनावश्यक परेशानी न हो।

    रिप्लेसमेंट कूपन व्यवस्था कमजोर

    निरीक्षण के बाद एनएचए के प्रतिनिधि चंचल श्रीवास्तव ने बताया कि सदर अस्पताल में ओपीडी रजिस्ट्रेशन सिस्टम अपेक्षाकृत सुव्यवस्थित पाया गया, लेकिन रिप्लेसमेंट कूपन व्यवस्था अभी भी कमजोर है। उन्होंने कहा कि रिप्लेसमेंट कूपन सिस्टम में सुधार किया जाए तो मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी और समय की भी बचत होगी।

    टीम ने यह भी पाया कि डाक्टर द्वारा दी गई सलाह को आनलाइन अपलोड करने में अभी कई तकनीकी और स्टाफ संबंधी दिक्कतें हैं। इसके लिए ऐसे दक्ष कर्मियों की आवश्यकता बताई गई जो डाक्टर द्वारा लिखे गए परामर्श को सही ढंग से समझकर तत्काल अपलोड कर सकें।

    टीम का मानना है कि पूरे अस्पताल को डिजिटल करने की यह पूरे देश में पहल की जा रही है और इसके शुरू हो जाने के बाद मरीजों का पूरा आंकड़ा एक जगह उपलब्ध हो सकेगा।

    लैब, डेंटल व टिकट काउंटर का निरीक्षण

    एनएचए और एनएचएम की संयुक्त टीम ने सदर अस्पताल के टिकट काउंटर, पैथोलाजी लैब, डेंटल विभाग और अन्य महत्वपूर्ण इकाइयों
    का निरीक्षण कर कार्यप्रणाली का मूल्यांकन किया। टीम ने बताया कि संपूर्ण प्रणाली धीरे-धीरे सुधर रही है और डिजिटलीकरण का लाभ आने वाले समय में अधिक स्पष्ट दिखाई देगा। इस मौके पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश सिंह भी मौजूद थे।

    उन्होंने सी-डैक के कर्मचारी को डिजिटलीकरण प्रक्रिया को दुरुस्त करने का निर्देश दिया।

    प्रमुख निर्देश और कमियां

    • ऑनलाइन ओपीडी में सुधार: टोकन लेने के बावजूद मरीजों को पर्ची के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है।
    • सुधार का निर्देश: काउंटर के बाहर तत्काल डिजिटल टोकन डिस्प्ले बोर्ड लगाने की सलाह दी गई।
    • रिप्लेसमेंट कूपन सिस्टम: तत्काल सुधार कर मरीजों को सुविधा देने और समय बचाने पर जोर दिया।
    • रिम्स में मजबूती की जरूरत: डिजिटलीकरण की प्रक्रिया अच्छी, लेकिन व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता।
    • डॉक्टर की सलाह को अपलोड करना: दक्ष कर्मियों की आवश्यकता, जो परामर्श को तत्काल सही ढंग से अपलोड कर सकें।