Jharkhand News: जर्जर स्कूलों में बच्चों की क्लास चलाने पर रोक, मरम्मत करने के सख्त निर्देश
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने राज्य के सभी जर्जर स्कूलों की पहचान कर उनकी मरम्मत कराने का आदेश दिया है। राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन ने उपायुक्तों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जर्जर स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई न हो। फंड की उपलब्धता न होने पर परिषद से राशि की मांग करने का भी निर्देश दिया गया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक शशि रंजन ने सभी जर्जर स्कूलों की पहचान कर उनकी मरम्मति कराने का आदेश दिया है। इसे लेकर उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखा है।
उन्होंने यह निर्देश भी दिया है कि किसी भी हाल में जर्जर कक्षा या स्कूल में बच्चों का पठन-पाठन न हो। यदि ऐसे भवन की पहचान होती है तो वहां के बच्चों को दूसरी कक्षाओं या स्कूल में शिफ्ट किया जाए।
राज्य परियोजना निदेशक ने कहा है कि विद्यालय में उपलब्ध फंड या सीएसआर मद से जर्जर स्कूलों की मरम्मति कराई जाए। ऐसे स्कूलों की ही मरम्मति हो जो बनने लायक हैं। जो बनने लायक नहीं हैं, उन्हें नष्ट करने की कार्रवाई करें।
यदि फंड उपलब्ध नहीं है तो उपायुक्त राशि की मांग परिषद से करें। उन्होंने अभियंताओं की टीम बनाकर ऐसे स्कूलों की पहचान करने को कहा है। उन्होंने राज्य में अत्यधिक बारिश होने का भी हवाला देते हुए ऐसे स्कूलों में पठन-पाठन कराया जाना खतरनाक बताया है।
राज्य परियोजना निदेशक ने जर्जर भवनों की मरम्मति और नष्ट करने को लेकर पूर्व के निर्देशों का भी हवाला दिया है।
साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को विभिन्न बैठकों में दिए गए निर्देश को भी याद दिलाते हुए उसपर शीघ्र कार्रवाई करने को कहा है।
राज्य में इस बार बारिश काफी अधिक हो रही है। स्कूलों में किसी तरह की दुर्घटना न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश सभी जिलों को जारी किए गए हैं। जर्जर स्कूलों से बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसे लेकर सभी जिलों से रिपोर्ट भी मांगी गई है। -शशि रंजन, राज्य परियोजना निदेशक, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद।
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