RSS ने पूरे देश में कई पदाधिकारियों का दायित्व बदला, श्री राम बने कानपुर के प्रांत प्रचारक
Rashtriya Swayamsevak Sangh अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व संगठन महामंत्री व आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक सुनील आंबेकर को संघ ने अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख का दायित्व सौंपा।
रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरे देश में कई अधिकारियों के दायित्व में परिवर्तन किया है। बेंगलुरु में हुए कार्यकारी मंडल की बैठक में सभी नामों की घोषणा की गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व संगठन महामंत्री व आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक सुनील आंबेकर को संघ ने अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख का दायित्व सौंपा गया। वहीं अभाविप के पूर्व सह संगठन मंत्री के एन रघुनंदन को विद्या भारती का अखिल भारतीय संयुक्त आयोजन सचिव बनाया गया। इसके साथ ही उत्तर पूर्व क्षेत्र (झारखंड-बिहार) के शारीरिक प्रमुख अरुण झा को उसी क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही गया के विभाग प्रचारक उमेश रंजन को दक्षिण बिहार का सह प्रांत प्रचारक बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार इसके साथ ही कई क्षेत्र प्रचारक एवं प्रांत प्रचारक भी बदले गए हैं। आरएसएस ने अपने कार्यों को समाज के लोगों के बीच सही तरीके से रखने के लिए प्रचार पर जोर देना शुरू किया है। संघ प्रमुख कई बार कह चुके हैं कि संघ को जानने के लिए उनके कामों को जानना होगा। इसी कारण संघ ने अपने बढ़ते कामों को देखते हुए पहले से अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार एवं सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार के साथ सुनील आंबेकर को सह प्रचार प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी है।
श्री राम बने कानपुर के प्रांत प्रचारक
कानपुर प्रांत के सह प्रांत प्रचारक श्री राम को प्रांत प्रचारक की नई जिम्मेदारी दी गई है। कानपुर के निवर्तमान प्रांत प्रचारक संजय मिश्रा को इतिहास संकलन समिति में भेज दिया गया है। वहीं राजेश जोधपुर के सह प्रांत प्रचारक, बाबूलाल जयपुर के सह प्रांत प्रचारक, निंबाराम क्षेत्र प्रचारक उत्तर पूर्व क्षेत्र (राजस्थान), सेंथील दक्षिण क्षेत्र प्रचारक, सुधीर क्षेत्र प्रचारक दक्षिण मध्य व श्यामजी अखिल भारतीय सह समायोजन धर्म जागरण व प्रशांत शुक्ल अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह बनाए गए हैं।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 16 स्थलों से निकलेगी शोभायात्रा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत बौद्धिक प्रमुख हरिनारायण ने लोगों से आह्वïान किया है कि वे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को धूमधाम से नववर्ष मनाएं। इस बार यह तिथि 25 मार्च को है। इसके बारे में परिवार में लोगों के साथ-साथ अपने बच्चों को भी बताएं। बच्चों को भारतीय संस्कृति के बारे में बताने की ज्यादा जरूरत है। आने वाली पीढ़ी को बताना जरूरी है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मïा जी ने विश्व की रचना की थी। वे रविवार को सरस्वती विद्या मंदिर, धुर्वा में आयोजित बैठक में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से रांची महानगर में 16 स्थानों से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।