इसरो के वैज्ञानिक परखेंगे रांची की रश्मि रोबोट की काबिलियत
Rashmi Robot. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की विशेष टीम वैज्ञानिक तीरथ दास की अगुवाई में रांची में गुरुवार को रश्मि रोबोट की बुद्धिमता का परीक्षण करेगी।
रांची, आलोक। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रांची के रंजीत श्रीवास्तव की दुलारी 'रश्मि रोबोट' की काबिलियत परखेगा। इसके लिए गुरुवार को दो वैज्ञानिकों की टीम रांची पहुंच रही है। साइंटिस्ट तीरथ दास की अगुवाई वाली यह टीम मानव सदृश इस रोबोट की तकनीकों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लिंग्विस्टिक इंटरप्रेटर, विजुअल डेटा और फेशियल रिकोगनिशन की परख करेगी। कहा जा रहा है कि एक स्पेशल प्रोजेक्ट के लिए इसरो को 'रश्मि रोबोट' की दरकार है।
इस परीक्षण के बाद 2018 की बड़ी खोजों में शुमार रश्मि रोबोट पर आगे और गहन शोध किए जाने की संभावना है। हांगकांग में बनी और दुबई की नागरिकता हासिल कर चुकी रोबोट सोफिया का भारतीय संस्करण कही जाने वाली 'रश्मि' हाल के दिनों में आइआइटी दिल्ली, रेड एफएम समेत कई पब्लिक फोरम पर अपना टेलेंट दिखा चुकी है। इसे महज दो साल के रिकॉर्ड समय और सिर्फ 50 हजार रुपये खर्च कर बनाया गया है। विशेष सॉफ्टवेयर के दम पर चलने वाली 'रश्मि रोबोट' अंग्रेजी के साथ हिंदी, भोजपुरी और मराठी में बातें करती हैं। यह हाव-भाव बदलने और भावनात्मक संवाद करने में भी निपुण है।
दुनिया का पहला हिंदीभाषी रोबोट होने का गौरव हासिल कर चुकी 'रश्मि' के निर्माता राजधानी के पहाड़ी मंदिर इलाके में रहने वाले 38 वर्षीय रंजीत का दावा है कि रश्मि सच्चा अहसास देने वाली और महिला की तरह कोमल व्यवहार करने वाली रोबोट है, जो बातचीत के क्रम में अपनी भौंहें और होंठ भी हिलाती है।