18 से गूंजेगी शहनाई, होटल-पंडित बुक्ड, जानिए... किस माह में किस तिथि को शुभ मुहुर्त
रांची में 18 तारीख से शहनाई की गूंज सुनाई देगी, जिससे बाजार में रौनक लौट आई है। पंडित और मैरेज हाल तक की बुकिंग फुल हो गई है। धर्मशालाओं की भी डिमांड बढ़ी है। 18 नवंबर से लेकर चार दिसंबर तक शहनाई बजेगी। इसे लेकर बाजार में रौनक बढ़ गई है।

राज्यभर में 18 नवंबर से शहनाई की गूंज शुरू होने जा रही है, जो चार दिसंबर तक जारी रहेगी।
जागरण संवाददाता, रांची । राज्यभर में 18 नवंबर से शहनाई की गूंज शुरू होने जा रही है, जो चार दिसंबर तक जारी रहेगी। शुभ मुहूर्त की भरमार होने के कारण शादियों का सिलसिला लगातार चलेगा।
शादी का यह सीजन शुरू होने से पहले ही बाजार में जबरदस्त रौनक दिख रहा है। लोग शादी की तैयारियों को ले खरीदारी में जुटे हैं। रांची के अपर बाजार, मेन रोड, डोरंडा और शास्त्री मार्केट जैसे प्रमुख क्षेत्रों में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है।
दुकानों में कुर्ता-पायजामा, शेरवानी, सूट-पैंट, लहंगा और साड़ियों की बिक्री जोरों पर है। साड़ियों की कीमत दो हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक है, जबकि कुर्ता-पायजामा एक हजार से दस हजार रुपये तक बिक रहे हैं।
शेरवानी 5 हजार से 20 हजार रुपये तक और सूट-पैंट 5 हजार से 40 हजार रुपये तक उपलब्ध हैं। इसके साथ ही पूजा-सामग्री की भी अच्छी मांग बनी हुई है।
शादी-विवाह में पंडितों की बुकिंग भी चुनौती
शादी-विवाह में सबसे बड़ी चुनौती इस बार पंडितों की बुकिंग को लेकर है। शुभ मुहूर्त के अनुसार सभी पंडित पहले से ही बुक हो चुके हैं। कई लोग अपने गांव या अन्य शहरों से पंडित बुलाने को मजबूर हैं।
बाहर से आने वाले पंडितों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था भी शादी करने वाले परिवारों को करनी पड़ रही है। इधर, शादी के सीजन को देखते हुए मैरेज हाल, होटल और लाज की बुकिंग पूरी तरह से हो चुकी है।
कई जगहों पर तो बुकिंग के लिए इंतजार की स्थिति बन गई है। वहीं, बजट को ध्यान में रखते हुए लोग धर्मशालाओं की ओर रुख कर रहे हैं। धर्मशालाओं में मैरेज हाल की तुलना में कम कीमत पर बुकिंग मिल रही है।
इनकी बुकिंग 10 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक हो रही है, जबकि बड़े होटल और मैरेज हाल की बुकिंग लाखों रुपये तक पहुंच चुकी है। कुल मिलाकर रांची में शादी का यह सीजन बाजार और व्यवसायियों के लिए उत्साह लेकर आया है।
कपड़ा व्यापारी से लेकर होटल संचालक और पंडित तक सभी के पास काम की भरमार है। रांची समेत पूरे झारखंड में 18 नवंबर से 4 दिसंबर तक शहनाइयों की गूंज माहौल को पूरी तरह उत्सवी बना देगा।
ऐसे तय होते हैं शुभ लग्न-मुहूर्त
शादी के शुभ लग्न व मुहूर्त तय करने के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु एवं मीन लग्न में से किन्ही एक का होना जरूरी है। वहीं नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भद्र व उत्तरा आषाढ़ में किन्ही एक का रहना जरूरी है।
अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में से किन्ही एक की उपस्थिति रहने पर शुभ मुहूर्त बनता है। पंडित राकेश झा ने कहा कि यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा।
तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में निषिद्ध है। विवाह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ एवं अगहन मास में हो तो अत्यंत शुभ होता है।
वर्ष के वैवाहिक शुभ मुहूर्त काशी पंचांग के अनुसार
- नवंबर : 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30 l
- दिसंबर : 1, 4, 5, 6 l
- फरवरी : 4 से 8, 10 से 15, 19, 20, 21, 24, 25, 26 l
- मार्च : 2, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14
मिथिला पंचांग के मुताबिक
- नवंबर : 20, 21, 23, 24, 26, 27, 30 l
- दिसंबर : 1, 4, 5 l
- जनवरी : 29 l
- फरवरी : 5, 6, 8, 15, 19, 20, 22, 25, 26 l
- मार्च : 4, 9, 11, 13

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