वीरेंद्र राम के आवास से जब्त गाड़ी को ठेकेदार ने 31 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपाजिट देकर छुड़ाया,
टेंडर आवंटन में कमीशन घोटाला मामले में ईडी ने वीरेंद्र राम और उनके परिवार के सदस्यों के नाम 39.28 करोड़ की चल-अचल संपत्ति को जब्त किया था, जिनमें सात ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची । टेंडर आवंटन में कमीशन घोटाला मामले में ईडी ने ग्रामीण कार्य विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम व उनके परिवार के सदस्यों के नाम 39.28 करोड़ की चल-अचल संपत्ति को अप्रैल 2023 में जब्त किया था।
इनमें सात महंगी एसयूवी भी शामिल थे। इनमें से एक एसयूवी को 31 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपाजिट जमा कर छुड़ा लिया गया है। यह राशि अपीलीय प्राधिकरण के आदेश पर एक ठेकेदार द्वारा जमा कराई की गई है, जिसकी गाड़ी है।
पूर्व में उक्त जब्त एसयूवी (जेएच-01ईआर-5001) के संबंंध में ईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि एसयूवी को एक ठेकेदार मेसर्स आएम कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर ने बीरेंद्र राम को घूस में दी थी।
गाड़ी गुमला के रहने वाले अंकित साहू के नाम पर निबंधित है। टेंडर कमीशन मामले में यह पहला मामला है, जब किसी जब्त एसयूवी को अपीलीय प्राधिकरण के आदेश पर उसके मूल्य के समतुल्य फिक्स्ड डिपाजिट जमा करा कर छोड़ा गया है।
ईडी ने अनुसंधान में पाया था कि वीरेंद्र राम ने मेसर्स आएम कंस्ट्रक्शन को 13.50 करोड़ रुपये का एक ठेका दिया था। उक्त योजना की लागत भी वीरेंद्र राम ने 62 लाख रुपए बढ़ा दी थी। इसके बदले में ही उक्त ठेकेदार ने ने उन्हें एसयूवी दिया था।
ईडी ने इस मामले में मेसर्स आएम कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर व उनके बेटे जिनके नाम पर एसयूवी थी दोनों से पूछताछ भी की थी। ईडी ने छापेमारी के दौरान एक अन्य ठेका कंपनी मेसर्स राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की भी एक एसयूवी को जब्त किया था।
उसके भी प्रोपराइटर से ईडी ने पूछताछ की थी। लेकिन वह अपनी एसयूवी के लिए अपीलीय प्राधिकरण की शरण में नहीं गए। जब्त एसयूवी को छुड़ाने के लिए वाहन मालिक की ओर से कोर्ट का सहारा लिया गया।
कोर्ट ने पहले वाहन को मुक्त करने के इनकार कर दिया। इसके बाद वाहन मालिक ने अपीलीय प्राधिकरण में अपील की। उनकी ओर से प्राधिकरण को बताया गया कि उक्त एसयूवी को बैंक से कर्ज लेकर खरीदा गया था।

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