Science City Ranchi: रांची की साइंस सिटी को लग रहा जंग... दो साल बाद भी सिर्फ तारामंडल
Ranchi Science City रांची की साइंस सिटी का हाल बेहाल है। दो वर्षों के लंबे अंतराल के बाद यह दर्शकों के लिए खुला लेकिन यहां सिर्फ तारामंडल को ही दुरुस्त किया जा सका है। इसके अलावा अन्य उपकरणों पर जंग लग चुका है।
रांची, जासं। Ranchi Science City दो वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जब साइंस सिटी खुलने की खबर शहर में फैली तो गर्मी छुट्टी मना रहे छोटे छोटे बच्चों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। पिछले तीन दिनों से चिरौंदी स्थित साइंस सिटी में अभिभावकों व बच्चाें के आने का सिलसिला लगातार जारी है। लेकिन इतने लंबे अंतराल के बाद साइंस सिटी खुलने के बाद भी यहां परिसर में सिर्फ तारामंडल की ही सुविधा बच्चाें व उनके अभिभावकों को मिल पा रही है। जबकि प्रतिदिन यहां सैकड़ों की तादाद में लोग तो पहुंच रहे हैं, लेकिन बैरंग लौट भी रहे हैं।
दरअसल, यहां सिर्फ तारामंडल को ही दुरुस्त किया जा सका है, जबकि अन्य उपकरणों पर जंग लग चुका है और कई महत्वपूर्ण व महंगे उपकरण तो धूल फांक रहे हैं। इसके बाद भी यहां के पदाधिकारी इसे सही करने की दिशा में कदम नहीं उठा रहे हैं। हालांकि कुछ दिनों पूर्व कोलकाता से आई टीम ने यहां के बिजली उपकरणों को तो ठीक कर दिया। लेकिन बाकी महंगे उपकरणों को यूं ही छोड़ दिया गया है। जिससे यहां आने वाले लोगों के बीच आक्रोश का माहौल भी देखा जा रहा है।
झारखंड विज्ञान, प्रावैधिकी एवं नवाचार परिषद अंतर्गत उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थाें से लोगों ने कार्रवाई की मांग की है। ताकि साइंस सिटी का लाभ शहर व आसपास के क्षेत्रों के लोगों को मिल सके।
बता दें कि दो वर्षों बाद खुलने के बाद भी तारामंडल में सिर्फ चार शो ही चलाए जा रहे हैं। जिसमें सुबह 11:30 बजे, दोपहर 01:30 बजे, दोपहर 03:00 बजे व दोपहर 04:00 बजे ही आधे-आधे घंटे का शो चलाया जा रहा है। जबकि सिर्फ रविवार को 12:30 बजे का एडिशनल शो दिखाया जा रहा है।
साइंस सिटी घूमने के लिए आए लोगों का क्या है कहना...
- अंदर में काफी कुछ बदला लुक...
मैं इससे पूर्व भी यहां आ चुका हूं। तकनीकी तौर पर काफी कुछ बदला गया है। साफ सफाई का भी ख्याल रखा गया है। कोलकाता से आई टीम तारामंडल का संचालन कर रही है। साइंस सिटी के अन्य हिस्से को भी सुचारु ढ़ंग से चलाने की जरुरत है।: कुमार हर्ष, दर्शक।
- ग्रहों के बारे में मिली जानकारी...
तारामंडल में काफी कुछ सीखने को मिला है। हमारी पृथ्वी समेत अन्य ग्रहों के बारे में भी जानकारी मिली।: अथर्व, पहली कक्षा का छात्र।
- नहीं मिल रहा लाभ...
इतने लंबे अंतराल के बाद साइंस सिटी खुला लेकिन कोई फायदा नहीं। जो चार शो चलाए जा रहे हैं उसमें टाइम को मैनेज करना काफी मुश्किल है। कम से कम शाम के वक्त दो अतिरिक्त शो जरुर चलाए जाने चाहिए।: सपन, दर्शक।
- नहीं देख पाए शो...
हमलोग अपने माता पिता के साथ यहां साइंस सिटी व तारामंडल देखने आए थे लेकिन शो समाप्त हो जाने के कारण हमलोग लौट रहे हैं। बहुत बुरा लग रहा है। तनुश्री, चौथी कक्षा की छात्रा।
- नहीं मिला टिकट...
मुझे तारामंडल देखना था। लेकिन टिकट ही नहीं मिला। गेट भी नहीं खोला जा रहा है। स्कूल में पोस्टर में सभी ग्रहों को देखते हैं। यहां भी देखने का मौका मिला है लेकिन नहीं देख पाए। : अविकुमार, दूसरी कक्षा का छात्र।
- चतरा से आए थे देखने...
हमलोग चतरा से तारामंडल और साइंस सिटी देखने आए थे। लेकिन काफी कम शो होने के कारण नहीं देख पाए। अब दोबारा आना पड़ेगा। बच्चे लोग जिद कर रहे हैं लेकिन हमलोग कुछ नहीं कर पा रहे हैं। सरकार व प्रशासन को इसकी टाइमिंग सुधारनी होगी। : रीना गुप्ता, चतरा से आई महिला।
- इससे बेहतर है बंद कर दें...
आमतौर पर लाेग शाम के वक्त ही फ्री होकर पूरे परिवार के साथ ऐसे स्थलों पर आते हैं। लेकिन 04 बजे ही टिकट काउंटर बंद कर दिया जाता है। इतनी गर्मी में कौन दोपहर में तारामंडल या फिर साइंस सिटी देखने आएगा। इस दिशा में प्रशासन को ध्यान देने की जरुरत है।: निशा, साइंस सिटी देखने आई महिला।
- दोस्त के साथ आए थे देखने...
हमलोग अपनी दोस्त के साथ साइंस सिटी व तारामंडल देखने आए थे। लेकिन टिकट काउंटर बंद मिला। शाम छुट्टी रहती है। इसलिए ये सही वक्त है और गर्मी भी कम है। लेकिन यहां निराशा हाथ लगी।: मिठी, सातवीं कक्षा की छात्रा।
- सुविधाएं बढ़ेंगी तो बढ़ेगी आमद...
यहां सुविधाओं का नितांत अभाव है। इतने लंबे अंतराल पर खुलने के बाद भी कोई सुविधा बहाल नहीं है। सिर्फ आनन फानन में तारामंडल को खोल दिया गया है। लेकिन बाकी उपकरणों पर धूल जमी है। : मान्या गुप्ता, दर्शक।
- नहीं मिल रहा फायदा...
गर्मी छुट्टी में बच्चों के साथ साइंस सिटी घूमने आए थे लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। सिर्फ तारामंडल ही खुला है बाकी जगहों का रखरखाव नहीं किया गया है।: निधि, दर्शक।
- बच्चाें के लिए बढ़ाए जाएं शो टाइम...
कम से कम बच्चाें की भलाई के लिए शो टाइम बढ़ाए जाने की जरुरत है। इससे सरकार की आमद बढ़ेगी और बच्चाें को सौरमंडल समेत अन्य विज्ञानी उपकरणों की जानकारी मिल पाएगी। : निर्मलया, दर्शक।
- बढ़ जाएंगे रोजगार के अवसर...
सही तरीके से साइंस सिटी के खुल जाने से इस इलाके में रोजगार के अवसर भी बढ़ जाएंगे। कई रेहड़ी चालकों को रोजी रोटी का जुगाड़ हो जाएगा। लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।: अजयकांत चौधरी, निवासी, चिरौंदी।