रांची सदर अस्पताल की नकल करेगी उत्तर प्रदेश सरकार, इस दिन होगा मॉडल का प्रेजेंटेशन
उत्तर प्रदेश सरकार रांची सदर अस्पताल के मॉडल का अध्ययन कर उसे अपने राज्य में लागू करने की योजना बना रही है। 25 जुलाई को झारखंड के अधिकारी इस मॉडल पर प्रेजेंटेशन देंगे। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए निजी डॉक्टरों की सेवाएं ली जा रही हैं। राज्य सरकार अन्य जिला अस्पतालों में भी ऐसी व्यवस्था करने की योजना बना रही है।

राज्य ब्यूरो, रांची। उत्तर प्रदेश सरकार रांची सदर (जिला) अस्पताल के मॉडल को प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी देखेगी ताकि इसे वहां भी लागू किया जा सके। इसकी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि वहां के मुख्य सचिव ने झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी को पत्र लिखकर प्रेजेंटेशन देने का अनुरोध किया है। राज्य के अधिकारी 25 जुलाई को वहां प्रेजेंटेशन देंगे कि यह अस्पताल राज्य का मॉडल अस्पताल कैसे बना।
बता दें कि 500 बेड वाले इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में लगभग सभी प्रकार के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए निजी विशेषज्ञ डॉक्टरों से सेवाएं ली जा रही हैं। फिलहाल वहां ओपीडी में 15 से 20 ऐसे डॉक्टर मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। ओपीडी में मरीजों के इलाज के लिए उन्हें पैसे दिए जाते हैं।
अपर मुख्य सचिव के अनुसार, अन्य राज्यों के जिला अस्पतालों में ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है। उनके अनुसार, राज्य के सभी जिला अस्पतालों में ऐसी व्यवस्था की जाएगी ताकि सभी मरीजों का इलाज जिले में ही हो सके। उन्होंने बताया कि रामगढ़, कोडरमा और जमशेदपुर के जिला अस्पतालों में भी बेहतर काम हो रहा है।
बता दें कि सोमवार को ही राज्य के अन्य 23 जिलों के सिविल सर्जनों को रांची सदर अस्पताल ले जाकर वहाँ की व्यवस्थाएं दिखाई गईं, ताकि वे वहां के मॉडल को अपने जिला अस्पताल में भी लागू कर सकें। सदर अस्पताल में दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सिविल सर्जनों की वित्तीय शक्तियाँ बढ़ा दी गई हैं। इसके लिए सदर अस्पतालों को हर साल 75 लाख रुपये का अनटाइड फंड भी दिया जाता है।
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