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    Ranchi News: रिम्स में सेंट्रल लैब तैयार, अब मरीजों को एक छत के नीचे मिलेंगी सभी जांच सुविधाएं

    Updated: Mon, 09 Jun 2025 01:56 PM (IST)

    रांची के रिम्स में 75 लाख रुपये की लागत से बना सेंट्रल लैब तैयार है जिससे मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी जांच मिलेंगी। पैथोलाजी बायोकेमिस्ट्री माइक्रोबायोलॉजी और हिस्टोपैथोलाजी जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मरीजों को रिपोर्ट के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और भविष्य में मोबाइल पर भी रिपोर्ट मिलेगी। लैब से एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने में भी मदद मिलेगी हालांकि मशीनें अभी लगनी बाकी हैं।

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    रिम्स का सेंट्रल लैब बनकर तैयार, इसी सप्ताह होगा हैंडओवर

    जागरण संवाददाता, रांची। रिम्स में बन रहा सेंट्रल लैब पूरी तरह से तैयार हो गया है, अगले दो-तीन दिनों में भवन निर्माण विभाग इसे रिम्स को हैंडओवर कर देगा, जिसके बाद रिम्स प्रबंधन की ओर से इसका उद्घाटन कर जांच की सुविधा शुरू की जाएगी।

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    इस नए लैब का निर्माण करीब 75 लाख रुपये से किया गया है, जहां एक ही छत के नीचे सभी तरह के जांच की सुविधा मरीजों को उपलब्ध हो जाएगी और उब मरीजों को विभिन्न जांचों के लिए अलग-अलग तल्ले पर जाना नहीं होगा।

    इस लैब में मरीजों को विभिन्न प्रकार की जांच सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जैसे कि पैथोलाजी जांच जहां रक्त, मूत्र, मल और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों की जांच हो सकेगी।

    साथ ही बायोकेमिस्ट्री जांच, जहां रक्त में विभिन्न रसायनों के स्तर की जांच होगी। माइक्रोबायोलॉजी जांच, जहां वायरल इंफेक्शन व संक्रमण पैदा करने वाले जीवाणुओं की पहचान। हिस्टोपैथोलाजी जांच, जहां ऊतकों की जांच करके बीमारियों का पता चलेगा।

    क्या बोले डॉक्टर?

    रिम्स पीआरओ डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि सेंट्रल लैब के बनने से रिम्स में मरीजों को जांच सेवाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी, जिससे उनका समय और परेशानी से बचेंगे।

    साथ ही, लैब की आधुनिक सुविधाएं और विशेषज्ञ तकनीशियन मरीजों को सटीक और विश्वसनीय जांच परिणाम प्रदान करेंगे।

    मरीजों को जांच रिपोर्ट लेने के लिए भी भटकना नहीं पड़ेगा, उन्हें ग्राउंड फ्लोर में ही अलग से काउंटर बनाए गए हैं जहां पर आसानी से वे रिपोर्ट ले सकेंगे। आने वाले समय में मोबाइल पर भी रिपोर्ट देने की व्यवस्था की जाएगी।

    मरीजों को मिलेंगी ये सुविधाएं

    • एक ही छत के नीचे जांच सेवाएं
    • आधुनिक सुविधाएं
    • विशेषज्ञ तकनीशियन

    एमबीबीएस सीट बढ़ने में भी होगा मददगार

    लैब के बन जाने के बाद मरीजों के साथ-साथ एमबीबीएस सीट 250 करने में भी आसानी होगी। सीट बढ़ाने के लिए वर्तमान आधारभूत संरचना, फैकल्टी और व्यवस्था को पहले ही दुरुस्त करने संबंधित दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। कहा गया था कि क्षमता के अनुसार लैब, हास्टल सहित अन्य सुविधा का आकलन जरूरी है।

    लैब में अभी नहीं लगी है मशीनें

    सेंट्रल लैब में अत्याधुनिक मशीने लगायी जाएगी। हालांकि अभी तक मशीने आयी ही नहीं है। इन मशीनों में आटो एनालाइजर, यूरिन आटो इनालाइजर, काग्लेशन ऑटो इनालाइजर, हेमेटोलाजी आटोएनालाइजर मशीनें शामिल हैं।

    लैब के शुरू होने से 24 घंटे ब्लड जांच की सुविधा मरीजों को मिलेगी। जांच के साथ-साथ रिपोर्ट भी मरीजों को यहीं पर मिलेगी। अभी लैब को पूरी तरह संचालित होने में वक्त लग सकता है, प्रबंधन इसके शुरू होने की सटीक समय बताने में असमर्थ है।