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    Ranchi Railway Station: नए साल पर मिलेगी साउथ गेट की सौगात, प्लेटफॉर्म-6 से शुरू होगा ट्रेनों का परिचालन

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 12:28 PM (IST)

    नए साल पर रांची रेलवे स्टेशन को South Gate की सौगात मिलेगी। प्लेटफॉर्म नंबर 6 से ट्रेनों का संचालन शुरू होगा, जिससे यात्रियों को सुविधा होगी। इस नए गे ...और पढ़ें

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    स्टेशन परिसर तेजी से आधुनिक स्वरूप ले रहा है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रांची। रांची रेलवे स्टेशन का बहुप्रतीक्षित कायाकल्प अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। नए वर्ष के आगमन के साथ ही Ranchi Railway Station का साउथ गेट यात्रियों के लिए तैयार हो जाएगा। जनवरी से यहां बने प्लेटफार्म संख्या 6से ट्रेनों का संचालन शुरू करने की तैयारी है।

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    प्लेटफॉर्म पर निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और स्टेशन परिसर तेजी से आधुनिक स्वरूप ले रहा है। साउथ गेट के नए स्टेशन भवन में इंटीरियर का काम लगभग पूरा हो चुका है। टाइल्स बिछाने, फाल्स सीलिंग, विद्युत फिटिंग और अन्य सजावटी कार्यों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

    जी प्लस टू संरचना वाले इस अत्याधुनिक भवन को यात्रियों की सुविधा और आराम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इसके चालू होते ही स्टेशन का पूरा दृश्य बदल जाएगा और यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं का अनुभव मिलेगा।

    बढ़ेंगी स्टेशन की क्षमता 

    पुनर्विकास के बाद रांची स्टेशन पर एक समय में करीब 35 हजार यात्रियों की आवाजाही संभव होगी। बैठने की व्यवस्था को भी विशेष रूप से बेहतर किया जा रहा है। फूड प्लाजा क्षेत्र में ही लगभग 2,500 यात्रियों के बैठने की सुविधा उपलब्ध होगी।

    447 करोड़ रुपये की लागत से चल रही इस महत्वाकांक्षी परियोजना में 330 करोड़ रुपये स्टेशन भवन के निर्माण पर खर्च किए जा रहे हैं। शेष राशि फर्नीचर, इंटीरियर और अन्य सुविधाओं पर खर्च होगी।

    दो मंजिला नए स्टेशन भवन में 17 लिफ्ट और 19 एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं। यात्रियों के ठहराव के लिए दोनों ओर 100-100 कमरों वाले रिटायरिंग रूम भी बनाए जा रहे हैं।

    नॉर्थ गेट के पुनर्विकास का काम शुरू होगा 

    रेलवे अधिकारियों के अनुसार, साउथ गेट के पूरा होते ही नॉर्थ गेट के पुनर्विकास का काम शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल नॉर्थ गेट क्षेत्र का सर्वे कार्य चल रहा है और अगले दो से तीन महीनों में निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। इसका उद्देश्य पूरे स्टेशन को एक समान आधुनिक पहचान देना है।

    निर्माण कार्य के दौरान यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए रेलवे ने वैकल्पिक व्यवस्था की है। स्टेशन परिसर से सटे स्टेडियम के पीछे एक अस्थायी भवन तैयार किया जा रहा है, जहां रेलवे के कई महत्वपूर्ण कार्यालय स्थानांतरित किए जा रहे हैं।

    इनमें रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल, मजिस्ट्रेट कार्यालय, ट्रैक मशीन कार्यालय, रेलटेल कार्यालय और को-ऑपरेटिव बैंक शामिल हैं। इससे यात्रियों से जुड़ी सेवाएं सुचारु बनी रहेंगी।

    रेलवे के अनुसार, स्टेशन का कायाकल्प दो चरणों में पूरा होगा। पहला चरण यानी साउथ गेट का कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जबकि पूरे स्टेशन का पुनर्विकास जून 2026 तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद स्टेशन की क्षमता और सुविधाएं कई गुना बढ़ जाएंगी।

    पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी स्टेशन को स्मार्ट बनाया जा रहा है। स्टेशन की छतों पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिनसे स्टेशन की लगभग 30 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकता पूरी होगी। इसके अलावा महिलाओं के लिए फीडिंग ज़ोन, बच्चों के लिए प्ले एरिया, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और आधुनिक प्रवेश नियंत्रण प्रणाली भी बनाई जा रही है।

    स्टेशन भवन के सामने बड़ा सर्कुलेटिंग एरिया विकसित किया जा रहा है, ताकि वाहनों की आवाजाही आसान हो सके। ऑटो, टैक्सी और निजी वाहनों के लिए अलग-अलग लेन के साथ व्यापक पार्किंग व्यवस्था भी की जा रही है।

    नया रोड ओवरब्रिज: उत्तर-दक्षिण को जोड़ेगा, जाम से मिलेगी राहत

    रांची रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के तहत उत्तर और दक्षिण हिस्से को जानने वाला नया रोड ओवरब्रिज (आरओबी) भी तेजी से आकार ले रहा है। यह ओवरब्रिज न केवल स्टेशन परियोजना का अहम हिस्सा है, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था को भी मजबूत करेगा। ब्रिज के दो ओर से निर्माण किया जा रहा है। पहुंच पथ पर भी काम लगाया गया है।

    इसके बन जाने से चुटिया क्षेत्र के लोगों को बिरसा चौक या HEC जाने के लिए लंबा और जाम वाला रास्ता तय नहीं करना पड़ेगा। नेपाल हाउस और डोरंडा होते हुए सीधे और सुगम मार्ग से बिरसा चौक तक पहुंचना संभव होगा। एफसीआई गोदाम और चुटिया के पास से नॉर्थ गेट तक सीधी कनेक्टिविटी मिलने से यातायात का दबाव काफी कम होगा।

    25.5 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह रोड ओवरब्रिज 11.70 मीटर चौड़ा होगा। इसमें दो लेन सड़क के साथ दोनों ओर 1.5 मीटर चौड़े पैदल पथ बनाए जाएंगे।

    इसकी कुल लंबाई 772 मीटर होगी, जबकि मुख्य स्पैन 60 मीटर का बो-स्ट्रिंग गर्डर होगा। परियोजना को 30 जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और फिलहाल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।