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    'सरकार का बनाया भूमि बैंक संवैधानिक नहीं'

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 17 Nov 2017 08:12 PM (IST)

    रांची : भूमि अधिग्रहण के पूर्व ग्रामसभा की अनुमति नहीं ली गई है, इसलिए सरकार द्वारा बनाया गया

    'सरकार का बनाया भूमि बैंक संवैधानिक नहीं'

    रांची : भूमि अधिग्रहण के पूर्व ग्रामसभा की अनुमति नहीं ली गई है, इसलिए सरकार द्वारा बनाया गया भूमि बैंक असंवैधानिक और गैरकानूनी है। यह बातें स्टेन स्वामी ने कही। वह शुक्रवार को एक्सआइएसएस में आयोजित साझा मंच की प्रेसवार्ता में बोल रहे थे। कहा कि खूंटी जिले के तोरपा अंचल में झारखंड सरकार ने गैरमजरूआ आम और गैरमजरूआ खास दोनों प्रकार की जमीनों को मिलाकर 7886 एकड़ जमीन भूमि बैंक में शामिल किया है। इसमें आम रास्ता, तालाब, चारागाह, कब्रगाह, नदी, पहाड़ शामिल हैं। इसके अलावा जंगल झाड़ी की 4523 एकड़ जमीन भी भूमि बैंक में शामिल की गई है। झारखंड सरकार द्वारा 20.56 लाख एकड़ भूमि बैंक के अंतर्गत दर्शाया गया है। इसमें 10.56 लाख एकड़ भूमि मोमेंटम झारखंड के अंतर्गत देशी-विदेशी कंपनियों को देने के लिए चिह्नित किया गया है।

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    प्रेम वर्मा ने कहा कि सरकार ने तुगलकी फरमान जारी किया है, इसलिए लैंड बैंक के सभी आंकड़े सार्वजनिक किए जाने चाहिए। प्रभाकर तिर्की ने कहा कि सरकार द्वारा सरना स्थल को भी लैंड बैंक में चिह्नित किया गया है। संजय वासु मल्लिक ने कहा कि बिना सूचना के ग्रामीणों की जमीन को लैंड बैंक में शामिल करना गलत है। मौके पर वाल्टर कंडुलना, अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, जेरोम जेराल्ड कुजूर सहित कई लोग उपस्थित थे।