Ranchi : अधिकारियों की सबसे ऊंचा तिरंगा फहराने की जिद के कारण ढह रही पहाड़ी, मंदिर का अस्तित्व खतरे में
जिला प्रशासन के पूर्व के अधिकारियों की जिद के कारण पहाड़ी मंदिर का अस्तित्व आज खतरे में पड़ गया है। पहाड़ी जहां-तहां से ढह रही है। पहाड़ी बाबा के मुख्य मंदिर पर भी अब संकट मंडरा रहा है।

जागरण संवाददाता, रांची: जिला प्रशासन के पहले के अधिकारियों की जिद के कारण पहाड़ी मंदिर का अस्तित्व आज खतरे में पड़ गया है। पहाड़ी जहां-तहां से ढह रही है। पहाड़ी बाबा के मुख्य मंदिर पर भी संकट मंडरा रहा है। भुरभुरी मिट्टी होने के बाद भी बिना पर्याप्त जांच पड़ताल के भारी भरकम पोल खड़ा कर दिया गया।
सबसे ऊंचा झंडा फहराने की जिद ने मंदिर को संकट में डाला
अधिकारियों को देश का सबसे ऊंचा तिरंगा फहराने की ऐसी जिद थी कि विशेषज्ञों की राय भी लेना उचित नहीं समझा। इसका नतीजा हुआ कि 293 फीट ऊंचे फ्लैग पोल पर न तो तिरंगा टिका और न ही पोल। साल भर के अंदर ही झंडा फहराने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। पिछले चार से पोल यूं ही खड़ा है। फ्लैग पोल को अब किसी दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की बात की जा रही है लेकिन इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
जिला प्रशासन को ऐतिहासिक स्थल की नहीं है सुध
पहाड़ी मंदिर राज्य ही नहीं बल्कि देश के लिए धरोहर स्थल है। इसकी पहचान जितनी धार्मिक कारणों से होती है, उतना ही आजादी के वीर स्वतंत्रता सेनानियों से भी जुड़ा है। आजादी से पहले अंग्रेज यहां आजादी के वीर सपूतों को फांसी दिया करते थे। आजादी की घोषणा के बाद रांची में सबसे पहले पहाड़ी मंदिर पर ही तिरंगा फहराया गया था। तब से अब तक हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर यहां तिरंगा फहराया जाता है। ऐसे महत्व के पहाड़ी मंदिर के अस्तित्व पर संकट है, जबकि जिला प्रशासन चैन से सोयी हुई है।
23 जनवरी 2016 में फहराया गया था तिरंगा
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर 23 जनवरी, 2016 को तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पहाड़ी मंदिर पर उस समय देश का सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था। पहाड़ी मंदिर पर 293 फीट ऊंचे फ्लैग पोल पर उस समय देश का सबसे बड़ा तिरंगा फहराया था। जमीन से यह तिरंगा 493 फीट ऊपर है। 30.17 मीटर लंबा और 20.12 मीटर चौड़ा तिरंगा झंडा फहराया गया था।
पहाड़ी मंदिर पर तिरंगा पोल लगाना अव्यवहारिक
पूर्व नगर विकास मंत्री और रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि पहाड़ी मंदिर की मिट्टी ठोस नहीं है। ऐसे में पहाड़ी पर भारी भरकम पोल लगाना खतरनाक निर्णय है। मैंने कई बार इसके लिए मना किया लेकिन तब के अधिकारियों ने एक नहीं सुनी। उपायुक्त अध्यक्ष व एसडीओ मंदिर विकास समिति के पदेन सदस्य होते हैं, इसके बाद भी पहाड़ी मंदिर की ऐसी दुर्दशा अधिकारियों की बेरूखी को ही दर्शाता है।
पहाड़ी मंदिर विकास समिति के पास पोल को लेकर कोई योजना नहीं
पहाड़ी मंदिर परिसर में लगे भारी पोल के कारण मंदिर पर संकट उत्पन्न हो गया है, चार सालों से तिरंगा नहीं फहराया जाता इसके बाद भी पहाड़ी मंदिर विकास समिति कोई गंभीरता नहीं दिखा रही। पहाड़ी मंदिर विकास समिति के कोषाध्यक्ष उत्तम कुमार ने कहा कि पोल का क्या करना है इसपर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
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