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    Cyber Crime: सावधान! यूपी और राजस्थान से आन लाइन जाब का आफर दे ठगी का शिकार बना रहे साइबर अपराधी

    By Prince Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 11:51 PM (IST)

    रांची पुलिस की जांच में पता चला है कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बैठे साइबर ठग ऑनलाइन नौकरी का लालच देकर लोगों को ठग रहे हैं। ठग सोशल मीडिया और नौकर ...और पढ़ें

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    रांची पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बैठे साइबर ठग आनलाइन जाब का झांसा देकर लोगों से ठगी कर रहे हैं।

    जागरण संवाददाता,रांची । रांची पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बैठे साइबर ठग आनलाइन जाब का झांसा देकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। पुलिस ने मामले की गहन जांच के दौरान कई आईपी एड्रेस ट्रेस किए, जिससे यह पता चला कि ठगी के अधिकांश मामले इन दोनों राज्यों से किए जा रहे हैं।

    पुलिस के अनुसार, ठग सोशल मीडिया और जाब पोर्टल के माध्यम से लोगों को आकर्षक नौकरी का आफर देते हैं। इसके बाद उम्मीदवारों से विभिन्न प्रकार की फीस या प्रोसेसिंग चार्ज वसूला जाता है, लेकिन उसके बाद वह संपर्क में नहीं रहते।

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    रांची में कई ऐसे मामले दर्ज हुए हैं जिसमें लोगों को जाब आफर के नाम पर झांसा में लेकर ठगी की गई है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही कई कांडों का खुलासा किया जाएगा।

    पार्ट-टाइम नौकरी के नाम पहले पैसा दिया फिर 1.23 लाख रुपये की हो गई ठगी

    साइबर थाना में बंदना ने एक लाख 23 हजार रुपये की ठगी हो जाने पर केस किया है। शिकायत के अनुसार आनलाइन पार्ट-टाइम नौकरी की तलाश के दौरान उनके व्हाट्सएप नंबर पर एक नंबर से एसएमएस आया था।

    एसएमएस भेजने वाली महिला ने अपना नाम पुष्पा कुमारी बताया और बिना निवेश के आनलाइन काम कर आय होने की बात कही थी। इसके बाद शिकायतकर्ता को एक टेलीग्राम चैनल से जोड़ा गया। शुरुआत में उन्हें गूगल मैप पर रिव्यू देने जैसे छोटे कार्य दिए गए, जिसके बदले उन्हें तक किस्तों में कुल 3 हजार रुपये का भुगतान भी मिला।

    इससे विश्वास बढ़ने पर बाद उनसे और अधिक राशि लगाकर काम करने को कहा गया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उन्होंने समय देकर सभी कार्य पूरे किए, लेकिन इसके बाद भुगतान बंद कर दिया गया। आवेदन के अनुसार पैसा निकालने के लिए बार-बार अतिरिक्त राशि जमा करने का दबाव बनाया गया। इसी क्रम में शिकायतकर्ता ने अलग-अलग किश्तों में 1 लाख 23 हजार रुपये दे दिया।

    होटल की रेटिंग कराने के नाम पर महिला से 3.24 लाख रुपये की ठगी

    साइबर थाना में नाहिद नसिम ने तीन लाख 24 हजार रुपये की ठगी हो जाने पर केस किया है। शिकायत के अनुसार उन्हें टेलीग्राम अकाउंट के माध्यम से पार्ट-टाइम नौकरी का आफर मिला। शुरुआत में उन्हें होटल की रेटिंग और रिव्यू करने जैसे छोटे-छोटे टास्क दिए गए।

    जिनके बदले उन्हें 500 से 600 रुपये भुगतान किया गया। आरोपित ने उन्हें प्रीपेड टास्क करने को कहा, जिसमें अधिक पैसा निवेश करने पर सभी राशि वापस और कमीशन के साथ मिलने का वादा किया गया। शिकायतकर्ता से धीरे धीरे 3 लाख 24 हजार रुपये ले लिया गया।



    केस थ्री

    टेलीग्राम पर एक चैनल में जोड़कर युवक से 5 लाख की ठगी

    साइबर थाना में मुकुल प्रसाद ने पांच लाख रुपये की ठगी हो जाने पर केस किया है। शिकायत के अनुसार मुकुल कुमार प्रसाद को एक वाट्सएप नंबर से एक जाब आफर का मैसेज आया। आरोपित ने उन्हें टेलीग्राम पर एक चैनल में जोड़ा।

    मुकुल को 21 प्रोजेक्ट्स पूरे करने के लिए कहा और कहा कि प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद बोनस और निवेश राशि उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी। शुरुआत में मुकुल ने 10 हजार रुपये का भुगतान किया, जिसके बदले उन्हें 15 हजार रुपये बोनस के रूप में लौटाए गए।

    इसके बाद आरोपित ने 66 हजार रुपये जमा करने को कहा और वादा किया कि 40 प्रतिशत बोनस मिलेगा। इसके बाद स्पेशल आफर के नाम पर 1 लाख 41 हजार रुपये और जमा करने के लिए मजबूर किया गया। धीरे धीरे पांच लाख रुपये ले लिया गया।

    आनलाइन जाब के झांसे में आकर पैसा गंवाने से बचने के उपाय

     

    • किसी भी जाब आफर को बिना जांचे स्वीकार न करें
    • रजिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग, सिक्योरिटी, प्रोसेसिंग या किसी भी प्रकार की अग्रिम फीस देने से बचे
    • नौकरी देने वाली कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट, वैध ईमेल आईडी और फोन नंबर से जांच करें
    • जाब देने से पहले इंटरव्यू और लिखित प्रक्रिया का होना जरूरी है
    • अंजान लिंक और दस्तावेज साझा न करें
    • किसी भी आफर को लालच या जल्दी में भरोसे के आधार पर स्वीकार न करें

    क्या कहते हैं एक्सपर्ट

    आनलाइन जाब में ठगी से बचने के लिए सबसे पहले किसी भी जाब आफर की सत्यता जांचना जरूरी है। सोशल मीडिया या मैसेज के जरिए आने वाले आफर पर तुरंत भरोसा न करें।अपने बैंक, ओटीपी और व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें। संदिग्ध आफर की जानकारी साइबर सेल या हेल्पलाइन 1930 पर दें। सतर्कता, जांच-पड़ताल और जागरूकता ही आनलाइन ठगी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
    विजय सिंह,रिटायर्ड डीएसपी