बिहार के बाद झारखंड में चढ़ा सियासी पारा, चुनाव आयोग ले सकता है अहम फैसला
झारखंड में चुनाव आयोग जल्द ही अहम फैसला ले सकता है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने राजनीतिक दलों से बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने का आग्रह किया है ताकि पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। बीएलए और बीएलओ के बीच समन्वय पर जोर दिया गया है ताकि कोई भी मतदाता छूटे नहीं।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में भी मतदाता सूची का पुनरीक्षण शीघ्र शुरू हो सकता है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि सभी दल मतदान केंद्रों पर अपने-अपने बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त कर लें, जिससे मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।
उन्होंने गुरुवार को धुर्वा स्थित निर्वाचन सदन में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में इसका अनुरोध किया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि राजनीतिक दल जिला तथा विधानसभा स्तर पर बूथ लेवल एजेंट–1 एवं सभी मतदान केंद्रों पर बूथ लेवल एजेंट–2 को चयनित करते हुए उनकी सूची संबंधित निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
राजनीतिक दल बीएलए नियुक्त करते समय इस बात का ध्यान रखें कि संबंधित बीएलए उसी मतदान केंद्र का मतदाता हो। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल बीएलए की सूची संबंधित क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे, जिसे निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा संबंधित बीएलओ को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
न छूटें एक भी मतदाता
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के क्रम में एक भी मतदाता छूटे नहीं, इसके लिए बीएलए एवं बीएलओ आपस में समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें।
मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के चयनित बीएलए को शर्तों के साथ मतदाताओं के फॉर्म जमा करने, मतदाता सूची के प्रारूप की कॉपी प्राप्त करने आदि कई अधिकार भी दिए गए हैं।
मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने तथा एक भी मतदाता छूटे नहीं, इस ध्येय को पूरा करने के लिए बीएलओ की भूमिका के साथ-साथ बीएलए की भी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी देव दास दत्ता सहित मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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