Ranchi News: देश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी नहीं जागा प्रशासन, मेडिकल स्टोर पर बिना पर्ची हो रही बिक्री
रांची में कफ सिरप को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। मेडिकल स्टोर बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं दे रहे हैं जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। कई राज्यों में रोक के बावजूद रांची में नियमों का उल्लंघन हो रहा है। डॉक्टर की सलाह के बिना कफ सिरप का सेवन बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है।

जागरण संवाददाता, रांची। देश के कई राज्यों में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी राजधानी रांची में स्वास्थ्य विभाग बेफिक्र है। यहां पर मेडिकल स्टोर पर अब भी बिना चिकित्सक के पर्चे के लोगों को कफ सिरप दिए जा रहे, हैं तो कई जगहों पर चिकित्सकों द्वारा लिखे गए सीरप की जगह दूसरी कंपनी के सिरप पकड़ाए जा रहे हैं।
रविवार को दैनिक जागरण ने इस मामले में आधा दर्जन मेडिकल स्टोर को चेक किया तो यह लापरवाही दिखाई दी। साथ ही लोग भी इसे लेकर जागरूक होते नहीं दिखाई दिए।
बच्चों के बीमार होने पर लोग मेडिकल स्टोर पर जाकर सोधे दवाएं लेते दिखाई दिए। इसमें सर्दी, जुकाम और बुखार की दवाएं प्रमुख थी।
मौसम के बाद अधिकांश लोग जुकाम से कफ जमने की शिकायत कर दवाएं ले रहे थे। ऐसे में यहां पर भी मेडिकल संचालक अपने मनमुताबिक कंपनी की दवाएं दे रहे थे।
केस स्टडी-1
राशि मेडिकल हाल, बरियातू रोड
जागरण- बच्चे के लिए कफ सिरप चाहिए, खांसी है, मिल जाएगी? पूर्जा नहीं लाए हैं?
केमिस्ट- मिल जाएगा। डॉक्टर का पूर्जा का जरूरत नहीं है।
जागरण- कौन सा दीजिएगा?
केमिस्ट- ले जाइए अच्छा वाला है। दो दिन में ठीक हो जाएगा।
जागरण- लेकिन बच्चे को पिलाएंगे कितना?
केमिस्ट- एक- एक चम्मच सुबह-शाम पिला दीजिएगा ठीक हो जाएगा।
जागरण- कोई दिक्कत तो नहीं होगा ना।
केमिस्ट- अरे अच्छा कंपनी का है। यही लोगों को हम दे रहे हैं।
केस स्टडी-2
अपूर्वा मेडिकल, ओल्ड एचबी रोड
जागरण- बच्चे को दो दिन से खांसी है, कफ सिरप दे दीजिए, डॉक्टर से नहीं दिखा पाए हैं।
केमिस्ट- है दे देते हैं। सुबह-शाम एक-एक चम्मच पिला दीजिए ठीक हो जाएगा।
जागरण- कौन कंपनी का है अच्छा है ना?
केमिस्ट- हां अच्छा कंपनी का है। डॉक्टर लोग भी यही लिखता है। निश्चिंत होकर ले जाइए
जागरण- लेकिन बच्चे को पिलाएंगे कितना? डोज पता नहीं है
केमिस्ट- बोले ना एक- एक चम्मच सुबह-शाम पिला दीजिएगा, ठीक हो जाएगा।
जागरण- कितना दाम है?
केमिस्ट- अरे अच्छा कंपनी का है। 150 रुपया का है।
कई राज्यों में बिना डॉक्टरी पर्ची के कफ सिरप की बिक्री पर रोक
बच्चों की मौत की घटना के बाद उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने बच्चों में खांसी और जुकाम की दवाओं के सही और सुरक्षित उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
एफडीए ने स्पष्ट किया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। पांच साल से कम उम्र में ये दवाएं आमतौर पर सुरक्षित नहीं मानी जाती।
पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों में भी इन दवाओं का उपयोग केवल चिकित्सक की सावधानीपूर्वक जांच, उचित खुराक, न्यूनतम अवधि और सुरक्षित दवा संयोजन का पालन करते हुए किया जाना चाहिए।
छोटे बच्चों के लिए विशेष रूप से सावधानी जरूरी है। छह साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है। कई बार बाजार में मिलने वाली कफ सिरप में ऐसे तत्व होते हैं जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, जैसे सेडेटिव्स या अल्कोहल बेस्ड तत्व। यदि किसी वजह से सिरप लेनी भी पड़े, तो यह देखना चाहिए कि वह पीडियाट्रिक (बच्चों के लिए बनी) है, उसकी डोजिग स्पष्ट है, और उसमें किसी भी तरह का हानिकारक केमिकल नहीं है लेकिन फिर भी सलाह यही है कि डॉक्टर के बिना सलाह कोई सिरप न दी जाए। - डॉ. संजय सिंह, प्रोफेसर, मेडिसिन रिम्स
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