यौन शोषण के आरोपित ट्रेनी डीएसपी को हेमंत सरकार ने किया सस्पेंड, गृह विभाग ने जारी किया नोटिफिकेशन
शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण के आरोप में लोहरदगा के प्रशिक्षु डीएसपी अमित कुमार सिंह को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। उन पर होटलों में प्रवेश के लिए फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल करने का भी आरोप है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और विभागीय कार्यवाही भी चलेगी। एक युवती की शिकायत पर जांच के बाद यह कार्रवाई हुई।

राज्य ब्यूरो, रांची। शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने होटलों में प्रवेश के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल करने के आरोपित लोहरदगा के प्रशिक्षु डीएसपी अमित कुमार सिंह को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है।
निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय डीआईजी रांची के कार्यालय में होगा। इस अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी चलेगी। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है।
जारी अधिसूचना के अनुसार एक युवती ने ई-मेल के माध्यम से आरोपित प्रशिक्षु डीएसपी अमित कुमार सिंह के विरुद्ध उक्त शिकायत की थी। इस शिकायत की जांच झारखंड पुलिस की एडीजी प्रशिक्षण सह अधुनिकीकरण ने की थी। जांच में आरोपों को सत्य पाया गया।
यह तथ्य भी सामने आया कि आरोपित प्रशिक्षु डीएसपी ने शिकायतकर्ता पर अपनी शिकायत वापस लेने तथा साक्ष्य मिटाने के लिए दबाव बनाया।
एडीजी ने जांच में उनके कृत्य को निंदनीय माना और अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा है कि आरोपित डीएसपी ने अपने पद की गरिमा को भी धूमिल किया है। यही वजह है कि उन्हें झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2016 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
अनधिकृत अनुपस्थिति के आरोप में निलंबित चिकित्सक आरोपमुक्त
दूसरी ओर, तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने छत्तरपुर, पलामू में पदस्थापित जिस चिकित्सा पदाधिकारी को अनधिकृत अनुपस्थिति के आरोप में निलंबित किया था, उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया है। जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मृत्युंजय सिंह को आरोप से बरी करते हुए उन्हें निलंबनमुक्त कर दिया है।
साथ ही निलंबन अवधि की सेवा को नियमित करने का आदेश जारी किया है। विभाग की संयुक्त सचिव सीमा कुमारी उदयपुरी ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर विभाग ने अनधिकृत अनुपस्थित के आरोप में एक जनवरी 2025 को अनुमंडलीय अस्पताल, छत्तरपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मृत्युंजय सिंह को निलंबित कर दिया था।
विभागीय मंत्री के रूप में बन्ना ने 22 नवंबर 2024 को फाइल पर उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित करने तथा तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया था।
अब विभाग ने चिकित्सा पदाधिकारी की सफाई और अनुमंडलीय अस्पताल, छत्तरपुर के उपाधीक्षक की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद माना कि डॉ. मृत्युंजय की उपस्थिति सितंबर 2023 से तीन जुलाई 2024 तक की उपस्थिति 69 दिन न होकर 262 दिन है।
उपाधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उक्त अवधि में उनके द्वारा नियमित रूप से कार्यों का निर्वहन किया जाता रहा। साथ ही उन्होंने अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी कार्य किया।
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