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    Jharkhand News: झारखंड सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अब अस्पतालों में नहीं हो सकेगी गड़बड़ी; ऐसे होगी निगरानी

    By Neeraj Ambastha Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 07 Jul 2025 09:18 AM (IST)

    रांची राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत अस्पतालों को मिलने वाली राशि के दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। अस्पतालों में बीमा दावा राशि के लिए अलग बैंक खाते होंगे और डिजिटल निगरानी की जाएगी। विभाग ने बैंकिंग पार्टनर के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है जो निधि प्रवाह की पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित करेगा। इससे अस्पतालों में वित्तीय अनियमितताओं पर रोक लगेगी।

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    अस्पतालों को मिलने वाली राशि के दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत मरीजों के इलाज के लिए बीमा कंपनियों से प्राप्त राशि का सरकारी अस्पताल अब दुरुपयोग नहीं कर सकेंगे। अस्पतालों को मिलने वाली राशि और उसके उपयोग पर स्वास्थ्य विभाग कड़ी नजर रखेगा। बीमा दावा के रूप में प्राप्त राशि के लिए सभी अस्पतालों में बैंक खाता संचालित किया जाएगा।

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    साथ ही, न केवल राशि का प्रवाह डिजिटल होगा, बल्कि राज्य स्तर पर झारखंड आरोग्य सोसाइटी द्वारा इसकी ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। विभाग ने इसके लिए बैंकिंग पार्टनर के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चयनित बैंकिंग संस्था डिजिटल बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से राशि के निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेगी और निधि प्रवाह की निगरानी और नियंत्रण के लिए एक सुरक्षित और व्यापक डिजिटल पोर्टल के विकास और प्रबंधन में विभाग की सहायता करेगी।

    यह बीमा योजनाओं से जुड़े खाते का संचालन करेगी और निधि प्रवाह की पारदर्शिता, अनुपालन और पता लगाने की क्षमता सुनिश्चित करेगी। बैंकिंग पार्टनर राज्य स्तर पर एक राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगी। साथ ही, यह जिला स्तर पर एक समन्वयक की नियुक्ति करेगी।

    वर्तमान में विभाग आयुष्मान भारत, आबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना संचालित कर रहा है, जिसके तहत सरकारी अस्पताल को मरीजों के इलाज के लिए बीमा कंपनी से पैसा भी मिलता है। इसके लिए विभाग ने एसओपी जारी किया है, जिसमें बीमा दावा राशि के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए हैं।

    साथ ही सभी अस्पतालों को हर महीने प्रति बेड 50 हजार रुपये बीमा दावा राशि सुनिश्चित करने का लक्ष्य दिया गया है। बीमा दावा के रूप में मिलने वाली राशि से संबंधित सरकारी अस्पताल डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही अस्पताल में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं बहाल करने, आउटसोर्स पर डॉक्टरों की सेवाएं लेने, दवा और उपकरण खरीदने, डॉक्टरों और कर्मियों को प्रशिक्षण देने आदि के लिए राशि का उपयोग कर सकते हैं। बीमा दावा राशि के उपयोग में किसी तरह की अनियमितता न हो, इसके लिए व्यापक बैंकिंग व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है।