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    रिम्स का फिजियोथेरेपी विभाग बदहाल, गंदगी और सुविधाओं का अभाव, मरीज परेशान

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 04:09 PM (IST)

    रांची के रिम्स अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग की हालत खराब है। यहां मरीजों को गंदगी और उपकरणों की कमी के बीच थेरेपी लेनी पड़ रही है। बेसमेंट से गंदा पानी बहता रहता है और डाइट रूम में टूटे-फूटे सामान पड़े हैं। स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को इंतजार करना पड़ता है और अधिकारियों का कहना है कि फाइलें खो गई हैं।

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    बदहाली से जूझ रहा रिम्स का फिजियोथेरेपी के विभाग। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, रांची। रिम्स के फिजियोथेरेपी विभाग की दुर्दशा इन दिनों मरीजों और स्टाफ दोनों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। रोजाना सौ से अधिक मरीज यहां थेरेपी के लिए पहुंचते हैं, लेकिन विभाग की खस्ताहाल स्थिति से न सिर्फ इलाज प्रभावित हो रहा है, बल्कि मरीज असहज महसूस कर रहे हैं।

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    विभाग का माहौल इतना अस्वच्छ है कि मरीज आने से डरने लगे हैं। बेसमेंट से निकलने वाला गंदा पानी लगातार वार्ड में बहता रहता है और इसी बीच मरीजों को थेरेपी दी जाती है। विभाग में सुविधाओं की भारी कमी है।

    फिजियोथेरेपी के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। मजबूरी में थेरेपिस्ट अपने साथ लाए छोटे उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। कई बड़े उपकरणों के अभाव में मरीजों को केवल डेमो दिखाकर ही संतोष दिलाया जाता है।

    सबसे चिंताजनक स्थिति विभाग का डाइट रूम में गंदगी और टूटे-फूटे सामान पड़े हैं। सभी खराब उपकरण और सामान रूम में हैं। वहीं दीवारों की सीलन और टूटते प्लास्टर कभी भी हादसे को जन्म दे सकते हैं।

    समस्या यहीं खत्म नहीं होती। विभाग तक पहुंचने के लिए लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध है, मगर वह बेसमेंट तक नहीं जाती। सीढ़ियों से उतरते समय अंधेरा रहता है और उस क्षेत्र में चमगादड़ों का बसेरा है। मरीज-स्टाफ डर और असहजता के बीच आने जाने को मजबूर हैं।

    विभाग के फिजियोथेरेपिस्ट बताते हैं कि यहां सिर्फ पांच ही थेरेपिस्ट कार्यरत हैं। 2019 के बाद से किसी नई नियुक्ति नहीं हुई है, जिससे स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है। स्थिति यह है कि थेरेपिस्टों को आर्थोपेडिक और अन्य विभागों में जाकर मरीजों को थेरेपी देनी पड़ती है।

    थेरेपिस्ट की कमी के कारण कई मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई बार पत्र लिखकर पदाधिकारियों को इस स्थिति से अवगत कराया गया, लेकिन हर बार फाइल प्रोसेस में है या फाइल खो गई जैसी बातें सुनने को मिलते हैं। थेरेपिस्ट अब फाइल ढूंढे या या थेरेपी दे।