एक साल में बदल जाएगी RIMS के ओपीडी ब्लॉक की सूरत, मरीजों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
रिम्स के पुराने ओपीडी ब्लॉक का 15 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार किया जाएगा। जेएसबीसीसीएल ने टेंडर निकाला है जिसका उद्देश्य मरीजों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना है। पहले नए ओपीडी कॉम्प्लेक्स की योजना रद्द हो गई थी। आईपीडी ब्लॉक के जीर्णोद्धार के लिए एजेंसी का चयन हो चुका है। आईआईटी आईएसएम धनबाद से रिपोर्ट मिलने के बाद कार्य शुरू होगा।

जागरण संवाददाता, रांची। रिम्स के ओल्ड ओपीडी ब्लाक का अब जीर्णोद्धार किया जाएगा। पूरे ओपीडी ब्लाक को 15 करोड़ की लागत से नया रूप दिया जाएगा, इसे लेकर जेएसबीसीसीएल (झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड) ने टेंडर निकाला है।
इसमें ओपीडी को अत्याधुनिक रूप दिया जाएगा, ताकि मरीजों को सुलभ व्यवस्था का लाभ मिल सके। ओपीडी में बेहतर व्यवस्था देने के लिए काफी समय से काम किया जा रहा था, इस बीच नए ओपीडी काम्प्लेक्स बनाने की भी योजना बनी थी, जिसे लेकर टेंडर भी निकाला गया था, लेकिन बीच में ही टेंडर का रद कर दिया गया।
जिसके बाद नए भवन निर्माण को लेकर कोई योजना नहीं बन पाई। लगातार जर्जर भवन की स्थिति को देखने के बाद ओपीडी काम्प्लेक्स को नए सिरे से बनाने की कवायद तेज कर दी गई है।
इससे पहले पुराने भवन के आइपीडी ब्लाक के जीर्णोद्धार को लेकर नई एजेंसी का चयन कर लिया गया है। टेंडर प्रक्रिया में एलवन होने के बाद चयनित एजेंसी को 276 करोड़ का काम सौंपा गया है, जो पुराने भवन के आइपीडी ब्लाक का जीर्णोद्धार का काम करेगी।
इस प्रक्रिया को भी पूरी करने में काफी वक्त लगा। पुराने भवन की पूरी स्थिति की रिपोर्ट फिलहाल आइआइटी आइएसएम धनबाद से मिलना बाकी है, रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
एक वर्ष में पूरा करना होगा कार्य
पुराने ओपीडी ब्लाक के जीर्णोद्धार का काम एक वर्ष में पूरा करना होगा। जो भी एजेंसी का चयन किया जाएगा उसे इस कार्य को एक वर्ष में ही पूरा कर हैंडओवर करना होगा।
जारी किए गए टेंडर में यह स्पष्ट किया गया है कि जो भी एजेंसी बीडिंग प्रक्रिया में भाग लेगी उसे बताए गए हर मापदंड को पूरा करना होगा, अगर समय के साथ मापदंड को पूरा नहीं किया जाता है तो वैसी एजेंसी को बीडिंग प्रक्रिया से बाहर हाेना पड़ेगा।
मिलेगा नया माहौल
नए ओपीडी में हर डाक्टरों को एक बेहतर माहौल मिलेगा, जहां मरीजों को देखने और उन्हें नेक्सजेन साफ्टवेयर की व्यवस्था से कंप्यूटराइज्ड प्रिस्क्रिप्शन मिल सकेगी। साथ ही मरीजों को एक ही फ्लोर में जांच से लेकर दवाएं तक उपलब्ध हो सकेगा। अभी जो सेंट्रल लैब बनाया गया है उसी के सामने ओल्ड ओपीडी का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।