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    Ranchi News: मुफ्त में देना था, रिम्स में 500 रुपये में बेचा जा रहा कफन; 46 दिन बाद भी नहीं हुआ ये काम

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 01:19 PM (IST)

    रिम्स शासी परिषद की बैठक के 46 दिन बाद भी फैसले लागू नहीं हुए हैं क्योंकि कार्यवाही पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं। मुख्य निर्णयों में अंतिम संस्कार के लिए सहायता नर्सिंग कॉलेज में एमएससी पाठ्यक्रम और डॉक्टरों के लिए बेहतर सुविधाएं शामिल हैं। कफन किट अभी भी बेचे जा रहे हैं।

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    खबर की प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    अनुज तिवारी, रांची। रिम्स शासी परिषद की 59वीं बैठक के संपन्न हुए 46 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक बैठक में लिए गए निर्णय पर अमल नहीं किया जा सका है। सिर्फ प्रोसिडिंग (बैठक की कार्यवाही) में हस्ताक्षर नहीं होने की वजह से किसी भी निर्णय को लागू नहीं किया जा सका है।

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    रिम्स प्रबंधन ने सात मई को प्रोसिडिंग की कॉपी विभाग को भेज दिया था लेकिन, वहां से अभी तक रिम्स नहीं आ सका है। जिसकी वजह से यहां के मरीजों के हित में जो फैसला लिया गया था वो अमल ही नहीं हो पा रहा है।

    15 अप्रैल को हुए शासी परिषद की बैठक में 33 एजेंडों पर फैसला लिया गया था। जिनमें कुछ ऐसे फैसले थे जिसका सभी ने स्वागत किया था, इसमें रिम्स में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो जाने पर कफन किट देने या पांच हजार रुपये अंतिम संस्कार के लिए देने पर निर्णय हुआ था।

    यह निर्णय मरीज के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक व्यवस्था करने में मदद करने के उद्देश्य से लिया गया है। लेकिन आज भी शव के लिए कफन 500 रुपये में रिम्स कर्मियों द्वारा बेचा जा रहा है।

    इसमें कफन, एक पैकेज प्लास्टिक और इत्र शामिल है। जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा था कि रिम्स में इलाज करवाने वाले मरीज की अगर मौत होती है तो उसे कम से कम अंतिम संस्कार के लिए राशि देकर मदद की जाएगी।

    डॉक्टर व छात्र हित में भी नहीं लिया जा सका है निर्णय 

      रिम्स नर्सिंग कॉलेज में 30 सीटों पर एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन अभी तक इस पर भी कुछ नहीं हो पाया। जिसकी वजह से इस पर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं हो पा रहा है और न ही डाक्टरों के संबंध से जुड़े अन्य फैसले लिए जा पा रहे हैं।

    रिम्स की ओर से काफी पहले ही जीबी की सारी प्रोसिडिंग विभाग को भेज दी गई थी। लेकिन जब तक वहां से जीबी अध्यक्ष के हस्ताक्षर के बाद फाइल वापस नहीं आती है तो सभी निर्णय को लागू करना संभव नहीं है। - डॉ. राजीव रंजन, पीआरओ, रिम्स

    बैठक में लिए गए थे कुछ महत्वपूर्ण निर्णय

    • रिम्स से नर्सिंग की पढ़ाई कर पासआउट होने वाली नर्सों को अब 10 हजार की जगह 25 हजार का मासिक भुगतान होगा।
    • एडहाक बेसिस पर कार्यरत एसआर को अब (अभी 89 दिन) तीन वर्ष तक का मिल सकेगा अवधि विस्तार।  राज्य के पांच मेडिकल कॉलेज के टॉप 20 प्रतिशत वाले की होगी रिम्स में हो सकेगी बहाली। इसके लिए निकाला जाएगा विज्ञापन।
    • शिशु शल्य विभाग में लगाए गए दो मॉड्यूलर ओटी के बकाए का भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। इनमें मॉड्यूलर ओटी के अलावा इंटीग्रेटेड ओटी भी शामिल है। जिनका 7.24 करोड़ से अधिक का बकाया था।
    • नेत्रदान या अंगदान करने वाले को मोक्ष वाहन उपलब्ध कराने के साथ-साथ इलाज में खर्च हुई राशि वापस की जाएगी।
    • एम्स की तर्ज पर जेनेटिक्स एवं जीनोमिक्स विभाग में अनुवांशिक जांच शुल्क का निर्धारण।
    • रिम्स नर्सिंग कॉलेज में 30 सीटों पर शुरू होगी एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई।
    • एनेस्थीसिया विभाग में पीडीसीसी और पीडीएएफ कोर्स की होगी शुरुआत।
    • खेलकूद के लिए इंडोर-आउटडोर स्टेडियम पर सहमति।
    • सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस या अन्य सुरक्षा कर्मियों के लिए इम्बाल्मिंग सर्विस (शव लेपन) निश्शुल्क, शेष वर्ग को आठ हजार रुपये देना होगा। -
    • रिम्स में पीएचडी कर रहीं छात्राओं को मिलेगा मातृत्व अवकाश।

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