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    Jharkhand News: रांची सदर अस्पताल में बनेगा रेडियोलॉजी हब, पूरे झारखंड में हो सकेगी जांच

    By Neeraj Ambastha Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 09 Jul 2025 03:02 PM (IST)

    राज्य सरकार ने रांची सदर अस्पताल में रेडियोलॉजी हब बनाने का फैसला किया है। इससे सभी जिलों के अस्पताल डिजिटल रूप से जुड़ेंगे जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों को तत्काल रेडियोलॉजी रिपोर्ट मिल सकेगी। पहले चरण में सदर अस्पताल जुड़ेंगे। इस परियोजना पर सालाना एक करोड़ से अधिक का खर्च आएगा।

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    राज्य सरकार ने रांची सदर अस्पताल में रेडियोलॉजी हब बनाने का फैसला किया है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों में रेडियोलॉजिस्ट और जांच सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए एक नई पहल की है। इसके तहत रांची सदर अस्पताल में रेडियोलॉजी हब विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

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    सभी जिलों के सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस रेडियोलॉजी हब से डिजिटल रूप से जुड़ेंगे। इस पहल का उद्देश्य दूरस्थ और संसाधनविहीन क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को तत्काल, सटीक और डिजिटल रेडियोलॉजिकल रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करना है।

    रांची सदर अस्पताल में विकसित होने वाले रेडियोलॉजी हब में कार्यरत रेडियोलॉजिस्ट एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई की रिपोर्ट का मूल्यांकन करेंगे और संबंधित क्षेत्र और मरीजों को इमेज के साथ रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे।

    स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह के अनुसार, यह योजना दो चरणों में लागू की जाएगी। पहले चरण में राज्य के सभी सदर अस्पतालों को इस रेडियोलॉजी हब से जोड़ा जाएगा। इससे उन क्षेत्रों के मरीजों को समय पर रिपोर्ट मिल सकेगी जहां रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं हैं और इलाज में देरी नहीं होगी।

    इसके बाद, अन्य अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी इससे जोड़ा जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों में रेडियोलॉजी जाँच की सुविधा उपलब्ध कराना है। बता दें कि राज्य में इस समय रेडियोलॉजिस्टों की भारी कमी है। इस कारण कई अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की रेडियोलॉजी जाँच नहीं हो पाती है।

    हर साल 1.21 करोड़ खर्च होंगे, स्वीकृति मिली

    इस परियोजना पर सालाना एक करोड़, 21 लाख और 27 हजार रुपये खर्च होने का अनुमान है। विभाग ने इस राशि को स्वीकृति दे दी है। हब के माध्यम से तकनीशियनों को उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे एक्स-रे, एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी तकनीकी प्रक्रियाओं का बेहतर तरीके से संचालन कर सकें। यह हब 24x7 टेलीरेडियोलॉजी रिपोर्टिंग केंद्र के रूप में काम करेगा।

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