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    Jharkhand Police: आरोप ADG रैंक के अधिकारियों पर, जांच का जिम्मा IG-DIG पर; सिर्फ 15 दिनों की डेडलाइन

    Updated: Wed, 18 Jun 2025 08:38 PM (IST)

    पुलिस मुख्यालय में सुरक्षा उपकरणों की खरीद में अनियमितता के आरोपों पर डीजीपी ने जांच के आदेश दिए हैं। आईजी पंकज कंबोज ने वरिष्ठ अधिकारियों पर गड़बड़ी ...और पढ़ें

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    झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने दिए जांच के आदेश। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड पुलिस मुख्यालय में सुरक्षा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक कमेटी गठित करते हुए जांच का आदेश दिया है। डीजीपी ने कहा है कि सभी आरोपों की गहन जांच कर 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट दें।

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    जांच टीम में आईजी मानवाधिकार नरेंद्र कुमार सिंह, डीआईजी प्रोविजन पटेल मयूर कन्हैयालाल, डीआईजी झारखंड जगुआर इंद्रजीत महथा व डीआईजी विशेष शाखा मनोज रतन चोथे शामिल हैं।

    सुरक्षा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी मामले के शिकायतकर्ता इस जांच टीम के सदस्यों से वरिष्ठ हैं और आईजी रैंक के अधिकारी हैं। शिकायतकर्ता आईजी पंकज कंबोज ने अपने वरिष्ठ एडीजी रैंक के तीन अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। ऐसी स्थिति में जांच करने वाले जूनियर अधिकारी कितनी पारदर्शिता से जांच कर पाएंगे, इसे लेकर विभाग में तरह-तरह की चर्चा है।

    शिकायतकर्ता का आरोप है कि पिछले तीन साल में पुलिस मुख्यालय के स्तर से जितने टेंडर हुए, उनमें कुछ खास कंपनियों को ही सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति का काम मिला। इन कंपनियों में अरिहंत ट्रेडिंग, कापरी काप, लाइफ लाइन व जेसी माइकल इनकारपोरेशन हैं। जीएस इंटरप्राइजेज को टायर आपूर्ति का टेंडर आवंटित हुआ।

    फर्नीचर, टेबल, कंप्यूटर व लैपटाप की खरीद में भी अनियमितता सामने आया है। आउटडेटेड कंप्यूटर झारखंड पुलिस ने नए माडल की कीमत पर खरीदा। ऐसे आरोपों की लंबी सूची है, जिसे जांच समिति को सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।

    आईजी पंकज कंबोज ने व्हिसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन के तहत की थी रिपोर्ट

    सुरक्षा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी मामले में आईजी पंकज कंबोज ने अपने सीनियरों व सरकार को रिपोर्ट दी थी। उक्त अधिकारी ने ही पूरे मामले की जांच की अनुशंसा की थी। उन्होंने बताया था कि पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा उपकरणों की खरीद दो से चार गुणा कीमत पर की गई है। इसमें पुलिस मुख्यालय के कुछ अधिकारी व कर्मी शामिल हैं।

    रिपोर्ट के अनुसार, एक्स-रे बैगेज की खरीद में भारी अनियमितता का मामला सामने आया है। जिस एक्स-रे बैगेज को हिमाचल पुलिस ने दस लाख रुपये में, यूपी पुलिस ने 12 लाख में खरीदा, उसी एक्स-रे बैगेज झारखंड पुलिस ने 24 लाख रुपये में खरीदा था। इतना ही नहीं, बिना टेंडर के ही नाइट विजन डिवाइस की खरीदारी की गई है।

    झारखंड पुलिस ने कपरी काप नाम की कंपनी से दस नाइट विजन डिवाइस खरीदी थी और इसके बदले में झारखंड पुलिस ने कंपनी केा करीब 1.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जिस नाइट विजन कैमरा को यूपी जेल प्रशासन ने 4.21 लाख रुपये में खरीदा था, उसे झारखंड पुलिस ने 14.98 लाख रुपये में खरीदा था।

    झारखंड पुलिस ने ओरियन 900 माडल की नन लीनियर जंक्शन डिटेक्टर (एनएलजेडी) को 17.50 लाख रुपये का भुगतान कर खरीदा था, उसे बिहार पुलिस ने केवल 12 लाख रुपये में खरीदा।