Jharkhand News: क्षेत्रीय भाषा की सूची में मैथिली को नहीं मिला स्थान, CM को देंगे ज्ञापन
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए जिला नियोजन नीति में मैथिली भाषा को शामिल न करने पर मैथिल समाज नाराज है। अमरनाथ झा ने कहा कि सरकार द्वारा मैथिली को शामिल न करने पर समाज जन जागरण अभियान चलाएगा। पहले उपायुक्तों और फिर विधायकों को ज्ञापन दिया जाएगा। अंत में भाषा संरक्षण के लिए लोकतांत्रिक आंदोलन किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, रांची। राज्य में झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए जिला नियोजन नीति में क्षेत्रीय भाषा की सूची में मैथिली को किसी जिला में नहीं जगह मिलने से मैथिल समाज में आक्रोश है।
मैथिली भाषा संविधान की आठवीं सूची में होने के साथ ही झारखंड राज्य की द्वितीय राज्य भाषा की सूची में भी शामिल है।
अंतर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद झारखंड सह संयोजक मैथिली भाषा संघर्ष समिति झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ झा ने कहा कि झारखंड की नियोजन नीति में मैथिली को शामिल न होने के कारण पुनः समाज के लोग जन जागरण अभियान चला रहे हैं।
देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा जिले के साथ साथ रांची, जमशेदपुर, धनबाद एवं बोकारो में मैथिली भाषी हैं। पिछले दिनों झारखंड से हजारों लोगों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा गया था।
संचिका अभी कार्मिक विभाग में विचाराधीन है। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार यदि अपनी नियोजन नीति में मैथिली भाषा को शामिल नहीं करती है तो राज्य के सभी मैथिली संस्थाएं एक साथ मिलकर अपने-अपने जिले के उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे।
दूसरे चरण में सभी विधायकों को ज्ञापन देंगे। अंतिम चरण में अपनी भाषा के संरक्षण के लिए लोकतांत्रिक आंदोलन करेंगे। इसकी तैयारी सभी जिलों में मिथिला वासी के द्वारा की जा रही है।
बैठक में जयंत झा, मृत्युंजय झा, मनोज झा, आशु झा, ज्ञानदेव झा, अमरनाथ झा, सुबोध झा, पूर्णेंदु ठाकुर, उदित नारायण ठाकुर, राजेश ठाकुर, रमेश भारती, विजय गुप्ता समेत अन्य उपस्थित रहे।
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