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    झारखंड सरकार ने शुरू की नई पहल, 336 पंचायतों में होगी लीची की बागवानी

    By Ashish Jha Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 23 Jul 2025 08:53 AM (IST)

    झारखंड में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए लीची की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जंगलों और सरकारी जमीनों पर लीची के पौधे लगाए जाएंगे जिससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। शुरुआत में दस जिलों के 24 से अधिक प्रखंडों का चयन किया गया है। सरकार मनरेगा योजना के तहत लीची के पौधे लगवाएगी।

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    लीची की खेती से ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत। फाइल फोटो

    आशीष झा, रांची। झारखंड में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए लीची की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने की पहल शुरू की गई है। जंगलों और सरकारी जमीनों पर लीची के पौधे लगाए जाएंगे, जिनकी देखभाल और फसल से होने वाली आय स्थानीय ग्रामीणों को दी जाएगी।

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    इस योजना की रूपरेखा तैयार हो गई है और क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर की तर्ज़ पर झारखंड में भी लीची उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार और आय के नए अवसर पैदा होंगे।

    राज्य सरकार ने शुरुआत में दस ज़िलों के 24 से ज़्यादा प्रखंडों की 336 पंचायतों का चयन किया है। इन क्षेत्रों में 110 एकड़ ज़मीन चिन्हित की गई है और भविष्य में और ज़मीन जोड़ी जाएगी। मनरेगा योजना के तहत लीची के पौधे लगाए जाएँगे, जिससे ग्रामीणों को रोज़गार भी मिलेगा। ये पौधे राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से ख़रीदे जाएँगे।

    पिछले पाँच वर्षों में ग्रामीण विकास विभाग ने दीदी बाड़ी योजना के तहत लगभग दो करोड़ पौधे लगाए हैं। अब इस योजना के तहत लीची की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इस पहल में, ग्रामीणों को लीची की खेती और देखभाल की ज़िम्मेदारी दी जाएगी। इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि वे स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को भी बढ़ावा दे सकेंगे। सरकार प्रमाणित एजेंसियों से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे कम दामों पर उपलब्ध कराएगी।

    इस व्यवस्था के तहत, ग्रामीणों को न केवल पौधरोपण के माध्यम से रोजगार मिलता है, बल्कि पूरे परिवार को अपनी आजीविका चलाने के लिए संसाधन मिल रहे हैं। हमारा प्रयास है कि इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाए।

    -दीपिका पांडे सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री।

    लीची का जिलावार और प्रखंडवार क्षेत्रफल

    • चतरा: मयूरहंड - 15 एकड़
    • देवघर: देवीपुर - 1, मार्गोमुंडा - 1, मोहनपुर - 3 एकड़
    • गोड्डा: ठाकुरगंगटी - 2 एकड़
    • जामताड़ा: कुंडहित - 5, नारायणपुर - 5 एकड़
    • लोहरदगा: लोहरदगा प्रखंड - 1 एकड़
    • पलामू: हुसैनाबाद - 3 एकड़
    • रामगढ़: पतरातू 1 एकड़.
    • रांची: अनगड़ा- 32 एकड़, बेड़ो- 5 एकड़, बुंडू- 1 एकड़, इटकी- 1 एकड़
    • साहेबगंज: बरहेट-1 एकड़, बरहदहवा-3.5 एकड़, बोरियो-1 एकड़, मंदार-12 एकड़, राजमहल-4 एकड़, उधवा-3 एकड़.
    • सिमडेगा: जलडेगा-4 एकड़.

    कुल आच्छादित क्षेत्र लगभग 105 एकड़ है।

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