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    झारखंड में कक्षा 1 से 8 तक की किताबों का होगा मूल्यांकन, राज्य कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय; जानें वजह

    By Neeraj Ambastha Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 01 Jul 2025 04:02 PM (IST)

    सरकारी स्कूलों में छात्रों को दी जाने वाली मुफ्त किताबों के प्रभाव का आकलन होगा। जेसीईआरटी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मूल्यांकन रिपोर्ट अगली बैठक में पेश की जाएगी। इस योजना के तहत कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मुफ्त किताबें दी जाती हैं जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों का योगदान होता है। मूल्यांकन से योजना को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

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    सरकारी स्कूलों में छात्रों को दी जाने वाली मुफ्त किताबों के प्रभाव का आकलन होगा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। सरकारी स्कूलों में बच्चों को हर साल दी जाने वाली किताबों के प्रभाव का आकलन किया जाएगा। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

    साथ ही राज्य कार्यकारिणी की अगली बैठक में आकलन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए जेसीईआरटी ने आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त किताब मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही योजना के प्रभाव का पहली बार आकलन किया जा रहा है।

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    समग्र शिक्षा अभियान के तहत सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त किताबें दी जाती हैं। इसमें 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार वहन करती है, जबकि 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है। वहीं, कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को राज्य बजट से किताबें दी जाती हैं।

    कक्षा एक से आठ तक की किताबें जेसीईआरटी ने तैयार की हैं, जिनकी छपाई निजी प्रिंटरों से कराई जाती है। वहीं, 9वीं से 12वीं तक की किताबों के लिए हर साल एनसीईआरटी से कॉपी राइट लिया जाता है और निजी प्रिंटर से इसकी छपाई कराई जाती है।

    किताबों की छपाई के लिए टेंडर प्रक्रिया झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा पूरी की जाती है। कॉपी राइट कराने के लिए पांच प्रतिशत राशि एनसीईआरटी को रॉयल्टी के रूप में देनी होती है।

    जेसीईआरटी द्वारा किए जा रहे मूल्यांकन से पता चलेगा कि बच्चों को मुफ्त किताबें देने से उनके शैक्षणिक स्तर पर कितना असर पड़ा है।

    इससे स्कूलों में नामांकन में कितनी बढ़ोतरी हुई और ड्रॉप आउट में कितनी कमी आई। इससे यह भी पता चलेगा कि बच्चों को समय पर किताबें मिल पाईं या नहीं। मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर योजना को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।