लातेहार में नाबालिग की पिटाई पर हाईकोर्ट सख्त, हेमंत सरकार से मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट ने लातेहार के महुआटांड़ थाना में नाबालिग की पिटाई मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है और सरकार से जवाब मांगा है। आरोप है कि पुलिस ने हत्या के संदेह में नाबालिग को तीन दिन तक पीटा और रिश्वत की मांग की। अगली सुनवाई 24 जून को होगी। मृतक दुर्गेश महतो की मां ने पिटाई और घसीटने का आरोप लगाया था।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ ने लातेहार के महुआटांड़ थाना में एक नाबालिग की पिटाई के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
मामले में अगली सुनवाई 24 जून को निर्धारित की गई है। आरोप है कि लातेहार पुलिस ने हत्या के एक मामले में संदेह के आधार पर नाबालिग को पूछताछ के लिए थाना में लाकर तीन दिनों तक बेरहमी से पिटाई की थी।
लातेहार निवासी दुर्गेश महतो 31 मार्च 2025 से लापता था। एक अप्रैल को लातेहार के एक खेत में खून से लथपथ उसका शव मिला था। स्थानीय लोगों के अनुसार दुर्गेश की मौत बिजली का करंट लगने से बताई जा रही थी।
लेकिन दुर्गेश की मां मुनु देवी ने आरोप लगाया था कि दुर्गेश महतो की तीन-चार लोगों ने पिटाई की थी, जिससे उसकी मौत हो गई है। जिस जगह पर लाश मिली थी, वहां दुर्गेश को घसीटे जाने का भी निशान है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि एक नाबालिग की मां सावित्री देवी ने दुर्गेश की मां मुनु देवी से कहा था कि वह अपने बच्चे में सुधार लाएं, नहीं तो उसे जान से मार देंगे।
आरोप है कि पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में सावित्री देवी के नाबालिग पुत्र को थाने में रखकर उसकी दो दिन तक जमकर पिटाई की।
तीसरे दिन जब नाबालिग की मां सावित्री देवी अपने पुत्र को छोड़ने का आग्रह किया तो थाना प्रभारी ने उससे ढाई लाख रुपये रिश्वत की मांग की। रिश्वत राशि नहीं देने पर तीसरे दिन भी नाबालिग की पिटाई की गई थी।
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