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    Jharkhand News: भूअर्जन पदाधिकारी की बातों को सुन भड़के वित्त मंत्री, सीधे राजस्व सचिव से की बात

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 07:35 PM (IST)

    रांची में भूमि अधिग्रहण मुआवजा वितरण में अनियमितता का मामला सामने आया है। पहली पत्नी के होते हुए दूसरी पत्नी को मुआवजा देने पर वित्त मंत्री ने भूअर्जन पदाधिकारी को फटकार लगाई। पदाधिकारी ने मामले को अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताया। मंत्री ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर योजनाओं का पैसा रोकने का आरोप भी लगाया।

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    भूअर्जन पदाधिकारी की बातों को सुन भड़के वित्त मंत्री, सीधे राजस्व सचिव से की बात (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। पहली पत्नी के रहते दूसरी पत्नी के खाते में भूअर्जन की राशि जमा होने के मामले को वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने गंभीरता से लेते हुए रांची के भूअर्जन पदाधिकारी को फोन मिला दिया लेकिन भूअर्जन पदाधिकारी ने स्पष्ट तौर पर मामले की सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि यह मामला मेरे क्षेत्राधिकारी से बाहर का है।

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    कांग्रेस मुख्यालय में जनता दरबार के दौरान लाभुक सहमति देवी ने आरोप लगाया कि उनके आवेदन के बावजूद दूसरी पत्नी राधा देवी को अवैध तरीके से जमीन के बदले में मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया। इस प्रकरण में वित्त मंत्री ने भूअर्जन पदाधिकारी को फोन पर पूछा तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह उनके क्षेत्राधिकार के बाहर का मामला है।

    इस पर वित्त मंत्री भड़क गए और उन्हें जमकर फटकार लगाई। मौके पर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि इस परिपाटी के आरंभ होने से जनता के बीच सकारात्मक संदेश जा रहा है, लोग सरकार के पक्ष में स्पष्ट राय रख रहे हैं, जनता समझ रही है कि सरकार समस्याओं के समाधान करने के लिए कार्रवाई कर रही है।

    इसी क्रम में भूअर्जन से संबंधित एक मामले में शिकायतकर्ता ने कहा कि एनएचएआई द्वारा जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जिसकी जमीन अधिग्रहित की गई थी उसने दो शादियां की थी परंतु दूसरी शादी को कानूनी मान्यता नहीं थी परंतु भूअर्जन कार्यालय द्वारा दूसरी पत्नी को मुआवजे की राशि बगैर जांच किए दे दी गई।

    वित्त मंत्री द्वारा रांची जिला भूअर्जन पदाधिकारी को फोन कर मामले की जानकारी मांगी गई, जिसपर भूअर्जन पदाधिकारी ने मामले को अपने अधिकार क्षेत्र का ना होने की जानकारी दी। मंत्री ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि आपके द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी सीओ से मांगी जा सकती थी, जो आपके अधिकार क्षेत्र में आता है परंतु आपने ऐसा नहीं किया, जबकि यह मामला फरवरी 2024 का है।

    भूअर्जन पदाधिकारी द्वारा ऐसे किसी आवेदन के मिलने से इनकार कर दिया गया, जबकि शिकायतकर्ता द्वारा भूअर्जन पदाधिकारी कार्यालय को दिए गए आवेदन की प्रतिलिपि दी गई। वित्त मंत्री ने तत्काल इस मामले की जानकारी भू-राजस्व सचिव सचिव को दी। भू राजस्व सचिव ने तत्काल इस मामले पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की बात कही।

    केंद्र द्वारा अंशदान रोकने से भुगतान में दिक्कत : मंत्री

    जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि कई योजनाओं का पैसा केंद्र सरकार ने रोक रखा है, नकारात्मक सहयोग है। केंद्र अपना अंशदान नहीं दे रहा है जिसके चलते वृद्धा पेंशन जैसी कई योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। भाजपा लोगों के बीच दुष्प्रचार करती है कि झारखंड सरकार लोगों को पैसा नहीं दे रही है। सरकार कार्यों में कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी, जनता का काम समय पर अधिकारियों को करना होगा। यदि संभव है तो काम कीजिए नहीं तो जनता को बता दीजिए कि यह कार्य नहीं हो सकता, जनता को बेवजह कार्यालय और अधिकारियों का चक्कर लगवाना बंद करना होगा। हम त्वरित परिणाम पर विश्वास करते हैं, पूर्ववर्ती सरकार की कार्यशैली-कार्य संस्कृति में अधिकारियों को बदलाव लाना होगा।

    मौके पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने बताया कि आज कुल 49 मामले वित्त मंत्री के समक्ष आये। जिसमें बिजली विभाग,सड़क निर्माण, जमीन संबंधी, तालाब जीरणोद्धार-निर्माण,अबुआ आवास सहित अन्य मामले आए।

    समस्याओं को सुनने के क्रम में मंत्री ने सीधे अधिकारियों से समस्याओं के संदर्भ में बात की तथा समस्याओं का समाधान त्वरित एवं समयबद्ध करने को कहा। जनता दरबार में विनय सिन्हा दीपू, शशि भूषण राय, अभिलाष साहू, राजन वर्मा, नरेंद्र लाल गोपी राजीव चौधरी उपस्थित थे।

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