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    Indian Army: अब झारखंड में बने ड्रोन से सेना साधेगी दुश्मन पर निशाना, रांची और बोकारो में होगा निर्माण

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 07:41 PM (IST)

    रांची में समृद्धि इंफार्मेटिक्स कंपनी भारतीय सेना के लिए ड्रोन बनाएगी जिसका प्लांट बोकारो में तैयार है। मार्च 2026 तक पहली खेप आने की उम्मीद है। कंपनी के सीईओ अतुल त्रिपाठी ने बताया कि सेना ने ड्रोन प्रदर्शनी देखी है। यह कंपनी सर्विलांस और बम गिराने वाले ड्रोन बनाएगी जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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    अब झारखंड में बने ड्रोन से सेना साधेगी दुश्मन पर निशाना

    दिव्यांशु, रांची। तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में झारखंड अब भारतीय सेना के लिए ड्रोन बनाने जा रहा है। बीआइटी मेसरा में पहले से कृषि कार्य के लिए ड्रोन का निर्माण किया जा रहा है। अब समृद्धि इंफार्मेटिक्स नाम की कंपनी रांची और बोकारो में ड्रोन निर्माण के लिए प्लांट लगा रही है। बोकारो में प्लांट तैयार है और मार्च 2026 में ड्रोन की पहली खेप बनकर आ जाएगी।

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    कंपनी से सीईओ अतुल त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय सेना ने ड्रोन की प्रदर्शनी (डिमास्ट्रेशन) देखी है। रांची में रजिस्टर्ड कंपनी अभी दिल्ली एनसीआर में ड्रोन निर्माण की एक यूनिट चला रही है। यहां सेना के काम आने वाले सर्विलांस और बम ड्रॉपर ड्रोन बनाए जा रहे हैं।अगले साल से झारखंड में बने ड्रोन सेना को आपूर्ति किए जाने की योजना है। झारखंड में रजिस्टर्ड यह पहली कंपनी है जो ड्रोन निर्माण का काम कर रही है।

    झारखंड में ही बनेगा डिजाइन, यहीं होगा उत्पादन

    निजी कंपनी के ड्रोन निर्माण की यह योजना 90 प्रतिशत स्वदेशी है। इसका डिजाइन और निर्माण दोनों झारखंड में बनाया जाएगा। रक्षा के अलावा खनन, कृषि और लॉजिस्टिक के लिए भी ड्रोन का उपयोग किया जा सकेगा। इसके साथ ही वन्यजीवों की सुरक्षा और निगरानी के लिए भी ये ड्रोन उपयोगी होंगे। कंपनी की क्षमता राज्य में प्रतिमाह तीन से पांच हजार ड्रोन बनाने की है।

    ड्रोन पायलटों को मिलेगा प्रशिक्षण

    अतुल त्रिपाठी ने बताया कि रक्षा जरूरतों के लिए एक इको सिस्टम बनाने में ड्रोन जरूरी उपकरण बन गए हैं।उनकी योजना राज्य में प्रतिवर्ष 5000 से अधिक ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षित करने की है। ट्रेनिंग के बाद पायलट को डायरेक्टर जनरल सिविल एवियेशन से सर्टिफिकेट भी दिलाया जाएगा। क्षमता पूरी हो जाने पर ड्रोन निर्माण के दोनों प्लांट से राज्य के आठ हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।

    राज्य में ड्रोन निर्माण के लिए प्लांट का लगना स्वागतयोग्य है। ऐसे किसी भी इनोवेशन को हम सपोर्ट करने के लिए भी तैयार हैं। माडर्न वारफेयर के साथ एग्रीकल्चर, माइनिंग, इंटरनल सिक्यूरिटी में भी ड्रोन अब अहम भूमिका निभा रहे हैं। अप्लीकेशन आधारित ड्रोन की दुनियाभर में भारी मांग है। राज्य में इसके साथ औद्योगिक विकास का माहौल बनेगा। - प्रो. संदीप सिंह सोलंकी, डीन इलेक्ट्रॉनिक्स, बीआईटी मेसरा, रांची