Diwali Train Tickets: दीपावली पर घर जाना हुआ मुश्किल, वेटिंग और किराया बढ़ने से परेशानी
दीपावली के त्यौहार पर रांची से घर जाने वाले यात्रियों को ट्रेनों में जगह न मिलने से परेशानी हो रही है। रांची-दिल्ली और रांची-पटना रूट पर ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट है। त्योहार के समय रेलवे पर दबाव बढ़ जाता है जिससे यात्रियों को आरक्षण मिलने में दिक्कत हो रही है। यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, रांची। 21 अक्टूबर को दीपावली होने वाली है और शहरों में काम करने वाले तमाम लोग घर लौटने की तैयारी में हैं। लेकिन रांची-दिल्ली और रांची-पटना ट्रेनों में सीटों की कमी और वेटिंग के लंबी सूची यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं।
बड़े त्योहारों के समय रेलवे पर दबाव लगातार बढ़ता है और इस बार भी रेलवे की तैयारियां यात्रियों की अपेक्षाओं को पूरा करने में चुनौतियों से जूझ रही हैं।
दीपावली पर घर लौटने की चाहत बहुत बड़ी है, लेकिन आरक्षण की कमी, वेटिंग सूची की लंबाई, और उच्च किराया यात्रियों की उम्मीदों पर पानी फेर रहे हैं।
रांची-दिल्ली मार्ग पर राजधानी, स्वर्ण जयंती और गरीब रथ जैसे ट्रेनों में वेटिंग स्थितियां गंभीर हैं। रांची-पटना एवं आसपास के मार्गों पर भी यात्री मुश्किल में हैं। अन्य ट्रेनों की स्थिति भी निराशाजनक है।
रांची से दिल्ली की अन्य एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में अधिकांश कोटे भर चुके हैं या वेटिंग लंबी हो चुकी है। यात्रियों को नो रूम या वेटिंग लिस्ट फुल का मैसेज मिल रहा है।
रेल ट्रैफिक की बढ़ी मांग और सीमित कोचों के कारण रिजर्वेशन हो रही है देर और कुछ यात्रियों को टिकट तक नहीं मिल पा रही।
रांची-दिल्ली मार्ग : वेटिंग का दबाव
- स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में थर्ड एसी कोटा पर 17 से वेटिंग की स्थिति बनी हुई है।
- राजधानी एक्सप्रेस की थर्ड एसी में 18 से वेटिंग, वेटिंग सूची 100 पार चली गई है।
- गरीब रथ में कोटा और वेटिंग स्थिति बहुत गंभीर है, केवल 20 यात्रियों को ही टिकट मिल पा रही है।
- रांची-आनंद विहार स्पेशल ट्रेन में अभी टिकट उपलब्धता बनी हुई है, लेकिन बुकिंग का दबाव अधिक है।
रांची-पटना मार्ग : चुनौतियां और वेटिंग
- पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में 15 अक्टूबर से ही वेटिंग की स्थिति बनी हुई है।
- हटिया-आईपीआर एक्सप्रेस अभी उपलब्ध है, लेकिन कोटा कम होने की संभावना है क्योंकि यात्रियों की भीड़ बहुत है।
- रांची-गोरखपुर स्पेशल ट्रेन 18 अक्टूबर से वेटिंग की स्थिति में है।
अन्य रांची से पटना और उसके आसपास की ट्रेनों में भी स्थिति जटिल है, कई लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनें पहले ही भर चुकी हैं और वेटिंग सूची लंबी चल रही है। यात्रियों को आरक्षण नहीं मिल पा रहा है।
यात्रियों को हो रही परेशानियां
कई यात्रियों ने बताया कि उन्होंने टिकट खुलते ही आरक्षण करने की कोशिश की, पर रिग्रेट का मैसेज आ गया। खासकर बिहार और झारखंड से दिल्ली की यात्राओं पर वेटिंग जल्दी भर जा रहे हैं।
वेटिंग या स्पेशल ट्रेनों में यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ रहा है। कई स्पेशल ट्रेन का किराया लगभग 20–30 प्रतिशत अधिक हो गया है।
वैकल्पिक व्यवस्थाएं सीमित
यात्रियों को बस या कोच विकल्पों की ओर जाना पड़ रहा है, लेकिन यात्रा समय अधिक और सुविधा कम होना बुजुर्गों की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं, निजी वाहनों या साझा टैक्सी की मांग बढ़ी है, जिससे किराया बढ़ा है।
खासकर रात की यात्रा में सुरक्षा व सुविधा की चिंता रहती है। बिहार सरकार सहित कई राज्यों ने अंतर्राज्यीय बस सेवाओं को तेज किया है, लेकिन लंबा सफर यात्रियों के लिए चिंता का विषय है।
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