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    पुत्रधर्म के साथ राजधर्म को बखूबी निभा रहे हेमंत सोरेन, बोले- जनता के अपार समर्थन से मिली हिम्मत

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 03:50 PM (IST)

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता शिबू सोरेन के निधन से दुखी हैं फिर भी वे रामगढ़ स्थित अपने पैतृक आवास से राजधर्म का पालन कर रहे हैं। वे शोक में भी राज्य के हितों के प्रति संवेदनशील हैं और सरकारी कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का समर्थन उनके परिवार के लिए ढाल बना है।

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    पुत्रधर्म के साथ राजधर्म का बखूबी निर्वहन कर रहे हेमंत सोरेन

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उनके पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन (Shibu Soren) ने उन्हें गहरे शोक में डुबो दिया है। फिर भी, व्यक्तिगत दुख को दरकिनार कर वे रामगढ़ के नेमरा स्थित अपने पैतृक आवास से राजधर्म का निर्वहन कर रहे हैं। यह उनके दृढ़ संकल्प और जिम्मेदारी के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

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    मुख्यमंत्री के लिए यह समय अत्यंत दुखदायी है। उनके दिल-दिमाग में बेचैनी और पीड़ा है, आंसुओं का सिलसिला थम नहीं रहा। इसके बावजूद वे पुत्रधर्म के साथ-साथ राजधर्म को भी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। नेमरा में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए वे शासन-प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने में जुटे हैं। उनका यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि झारखंड के विकास की गति में कोई रुकावट न आए।

    राज्यहित के प्रति संवेदनशीलता

    मुख्यमंत्री शोक की इस घड़ी में भी राज्य के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील हैं। वे व्यक्तिगत भावनाओं को दबाकर सरकारी कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जरूरी फाइलों का निष्पादन, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित संवाद और सरकार की गतिविधियों पर नजर रखना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।

    उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कार्यों में तत्परता बनाए रखें और आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करें। किसी भी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही, वे हर पल अद्यतन सूचनाओं से अवगत रहते हैं और आवश्यकतानुसार निर्देश देते हैं।

    जनता के अपार समर्थन से मिली हिम्मत

    मुख्यमंत्री ने कहा कि शिबू सोरेन के निधन के बाद जनता का अपार समर्थन उनके परिवार के लिए ढाल बना। इस कठिन समय में जनता की संवेदनशीलता और साथ ने उन्हें अपने कर्तव्यों को निभाने की हिम्मत दी।

    उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य की जनता मेरे परिवार के साथ खड़ी रही, उसने मुझे इन विषम परिस्थितियों में भी राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की शक्ति दी।

    बाबा के वादों को पूरा करने का संकल्प

    शिबू सोरेन झारखंड के लिए एक प्रेरणास्रोत थे। वे हमेशा जनता के हितों के लिए लड़े और व्यक्तिगत स्वार्थों को कभी तरजीह नहीं दी। मुख्यमंत्री ने कहा - बाबा कहते थे कि सार्वजनिक जीवन में जनता के लिए हमेशा खड़ा रहना चाहिए। उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा। झारखंड का अस्तित्व उनकी देन है। वे हमेशा उनके लिए मार्गदर्शक रहेंगे, भले ही उनका साया अब न हो।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह समर्पण झारखंड की जनता के लिए एक मिसाल है। व्यक्तिगत दुख को पीछे छोड़कर वे राजधर्म का पालन कर रहे हैं, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शिबू सोरेन के आदर्शों को जीवित रखते हुए वे झारखंड को विकास और समृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कटिबद्ध हैं।