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    Ranchi News: CID ने पकड़ा अंतर्राष्ट्रीय साइबर गिरोह, टेलीग्राम के जरिए बेची जा रही थी अश्लील सामग्री

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 05:51 PM (IST)

    रांची में सीआईडी की साइबर अपराध शाखा ने बाल यौन शोषण सामग्री को ऑनलाइन बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। बोकारो से दो आरोपी अंकित कुमार और विवेक कुमार गिरफ्तार किए गए हैं जिन पर ओमान बांग्लादेश और यूएई के नागरिकों को ऐसी सामग्री बेचने का आरोप है। वे टेलीग्राम और मेगा क्लाउड लिंक के माध्यम से सामग्री बेच रहे थे।

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    बाल यौन शोषण सामग्री बेचने वाले दो गिरफ्तार। सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, रांची। सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने बाल यौन शोषण व उत्पीड़न से संबंधित अश्लील सामग्री को ऑनलाइन नेटवर्क के माध्यम से विदेशों में बेचने के मामले का खुलासा किया है।

    पुलिस ने इस धंधे में शामिल दो आरोपियों को बोकारो से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में बोकारो के गांधीनगर थाना क्षेत्र के अंकित कुमार व विवेक कुमार शामिल हैं। इनके पास से कांड से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री की बरामदगी की गई है।

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    इन पर ओमान, बांग्लादेश व यूएई के नागरिकों को ऑनलाइन बाल यौन शोषण से संबंधित सामग्री बेचने के आरोपों की पुष्टि हुई है। पुलिस ने गिरफ्तार दोनों आरोपियों के ठिकानों की भी तलाशी ली। उनके ठिकानों से बरामद डिजिटल उपकरणों में बाल यौन शोषण संबंधित सामग्री की बरामदगी की गई।

    यह भी साबित हुआ कि आरोपियों ने टेलीग्राम ग्रुप्स व एमईोजीए क्लाउड लिंक के माध्यम से इस आपत्तिजनक सामग्री को बेच रहे थे। छानबीन में यह भी सामने आया कि उनका यह नेटवर्क अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ था।

    भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के सहयोग से सीआईडी ने किया यह खुलासा

    झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के साथ समन्वय कर इस कांड का खुलासा किया है। ये अपराधी एचटीटीपीएस://हाटपिक-वन/ वेबसाइट और उससे जुड़े प्लेटफार्म पर बाल यौन शोषण व उत्पीड़न सामग्री (सीएसईएएम) बेच रहे थे।

    जांच में खुलासा हुआ कि यह वेबसाइट एक डिजिटल मार्केट प्लस के रूप में दुरुपयोग की जा रही थी। यहां बाल यौन शोषण संबंधित सामग्री अपलोड, वितरित व मुनाफे के लिए बेची जा रही थी।

    बेचने व शेयर के लिए टेलीग्राम चैनलों का कर रहे थे इस्तेमाल

    साइबर अपराध थाने की पुलिस ने जांच में पाया गया कि आरोपी ने इस सामग्री को अधिक संगठित ढंग से बेचने व शेयर के लिए टेलीग्राम चैनलों, एमईजीए जैसी क्लाउड स्टोरेज सेवाओं का उपयोग कर रहे थे।

    इससे बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा था। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई।

    झारखंड के एक बच्चे ने खुदकुशी तक का कर लिया था विचार

    साइबर अपराध थाने की पुलिस को एक शिकायत मिली कि झारखंड के एक बच्चे को इससे इतना आघात पहुंचा कि उसने खुदकुशी तक का विचार कर लिया था।

    पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उसकी अश्लील तस्वीरें व वीडियो उसकी सहमति के बिना उक्त वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए। इसके कारण उसे मानसिक रूप से आघात पहुंचा। इसके बाद उसके मन में आत्महत्या करने जैसे विचार भी आए, लेकिन उसने खुद को संभाला।